छोटी सी मेरी पार्वती,
शंकर की पूजा करती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
नित गंगा जमुना जाती थी,
जल भर भर कर वो लाती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
नित बाग़ बगीचा जाती थी,
वो भांग धतूरा लाती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
छोटी सी मेरी पार्वती,
शंकर की पूजा करती थी,
निर्जल रहकर निश्छल मन से,
नित ध्यान प्रभू का धरती थी,
छोटी सी मेरी पारवती,
शंकर की पूजा करती थी ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।