चलता चल रे भक्ता,
महाकाल सवारी में ॥
दोहा – अकाल मृत्यु वो मरे,
जो काम करे चांडाल का,
काल भी उसका क्या करे,
जो भक्त हो महाकाल का ॥
चलता चल रे भक्ता,
महाकाल सवारी में,
भक्तो की है भीड़ लगी,
महाकाल सवारी में ॥
तू रामघाट पे चल,
और भरले शिप्रा जल,
शिव का अभिषेक करे,
महाकाल सवारी में,
चलता चल रे भक्तां,
महाकाल सवारी में ॥
तू शिव शिव रटता चल,
अब छोड़ कपट और छल,
मुक्ति का है द्वार खुला,
महाकाल सवारी में,
चलता चल रे भक्तां,
महाकाल सवारी में ॥
भोले बड़े दानी है,
वो जग के स्वामी है,
यह बरसे कृपा उनकी,
महाकाल सवारी में,
चलता चल रे भक्तां,
महाकाल सवारी में ॥
चलता चल रे भक्तां,
महाकाल सवारी में,
भक्तो की है भीड़ लगी,
महाकाल सवारी में ॥
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