सांवेर की धरती हनुमत साजे, चले है इनकी मर्जी, सांवेर की धरती
बात छोटी है सर को हिला दीजिये, पाँव अपना प्रभुजी धुला लीजिये, हम है अनपढ़ कोई भूल हो ही गयी
जन्मभूमि पे मंदिर बनेगा, जिसके रखवाले बजरंगबली है, अंजनीलाल अपनी गदा से, पापियों को मिटाते मिलेंगे, जरा चलके अयोध्या जी में देखों, राम सरयू नहाते मिलेंगे ॥
राम नाम आधार जिन्हें, वो जल में राह बनाते हैं, जिन पर कृपा राम करें..
अवध में छाई खुशी की बेला, लगा है, अवध पुरी में मेला । चौदह साल वन में बिताएं..
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे। तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे।
केवट ने कहा रघुराई से, उतराई ना लूंगा हे भगवन, उतराई ना लूंगा हे भगवन, केवट ने कहा रघुराईं से, उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥