निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमें, रखना करूणा की छाँव में, काँटा भी ना चूभने देना कभी, कष्टों का हमारे पाँवो में, हे सूर्य पुत्र शनिदेव हमे, रखना करूणा की छाँव में ॥
जय जय हे शनि राज देव तेरी जय जय कार, तू ही मेरी सुख शांति है तू ही मेरा आधार, जय जय हे शनि राज देव तेरी जय जय कार, तू ही मेरी सुख शांति है तू ही मेरा आधार ॥
कृपा करो हे शनि देव, कृपा करो हे शनि देव, मझधार में है नैय्या, मझधार में है नैय्या प्रभु पार करो ॥
प्रेम सदा भरपूर रहे शनि देव के चरणों में, करे अर्जी मेरी मंजूर मेरे शनि देव के चरणों में, प्रेम सदा भरपूर रहे शनि देव के चरणों में ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले। तुम सूर्य पुत्र बलिधारी..
हरि नाम धन बांटिए, हरि नाम धन सिंचिये, हरि नाम धन चाखिये, हरि नाम धन लीजिए ॥