तन के प्रेमी मन के प्रेम को, कहां कभी पहचानेंगे, मन में जिनके पाप भरा वो, प्रेम भला क्या जानेंगे
हे जगवंदन गौरी नन्दन, नाथ गजानन आ जाओ, शिव शंकर के राज दुलारे, आके दर्श दिखा जाओ, हे जगवँदन गौरी नंदन, नाथ गजानन आ जाओ ॥
गौरी नंदन तेरा वंदन, करता है संसार, तुझे सब प्रथम मनाते, प्रेम से तुझे बुलाते, गौरी नन्दन तेरा वंदन, करता है संसार ॥
गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते ॥
गोरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना होगा, तुझको आना होगा ॥
बैठी पहाड़ों में माँ शारदा, तेरी महिमा का क्या कहना, है भुवन हजारों में
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है, कण-कण शिव शिव शंभू शिव शंभू है।