गोकुल की हर गली मे, मथुरा की हर गली मे, कान्हा को ढूँढ़ता हूँ, दुनिया की हर गली मे ॥
सबसे ऊंची प्रेम सगाई । दुर्योधन के मेवा त्याग्यो, साग विदुर घर खाई..
श्री राम, जय राम, जय जय राम, श्री राम, जय राम, जय जय राम...
राम का सुमिरन किया करो, प्रभु के सहारे जिया करो, जो दुनिया का मालिक है, नाम उसी का लिया करो..
कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है, जब से तेरी लगन लगी, हुआ मन में सवेरा है...
जो गणपति को ध्याये,परम सुखी हो जाए । जो शंकर को पूजे,विपदा पास न आए ॥
तेरे स्वागत में मैया जी, मैंने पलके बिछाई है, मैंने पलके बिछाई है मैंने पलके बिछाई है, चली आओ मेरी मैया, घड़ी शुभ फिर से आई है, तेरे स्वागत में मईया जी, मैंने पलके बिछाई है ॥