अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,
अरज सुणो बनवारी,
अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,
अरज सुनो गिरधारी ॥
श्वास श्वास मे थारे सुमीरु दाता,
भूलों मति बनवारी,
भुल गया तो रे,
लाज जावेगी,
हँसी होवेगी घणी थारी,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
माया नागणि कियो है कुन्डालो दाता,
ईण ते बेगी उबारो,
मोह माया ने रे,
जाल फसायो,
अब सुध लेवो बनवारी,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
मै मतिहीन हूँ कछु नही दाता,
आयो शरण तिहारि,
भवसागर में रे,
घणो दुख पायो,
अब की पार उतारो,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
आगे संत अनंत ऊबारया दाता,
अबकी बारी हमारी,
दास मलूक कहे रे,
भूली मति जाजौ,
म्हणे तो भरोसों बड़ो भारी,
सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥
अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,
अरज सुणो बनवारी,
अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,
अरज सुनो गिरधारी ॥
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