अब सबकुछ सम्भालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में,
तेरे द्वार खड़ा हूँ लाचार,
बस जाओ मेरे कण कण में,
अब सबकुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में ॥
जटा में तेरी गंग की धारा,
गले लिपटाए भोले सर्पो की माला,
त्रिनेत्रों से सबको देखे,
सब कहते उसे त्रिनयन वाला,
बस तुझसे लगाऊं भोले आस,
बस जाओ मेरे कण कण में,
अब सबकुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में ॥
अमृत का मुझे मोह नहीं है,
तू विष दे मुझे वो भी प्रिय है,
शिव के जैसा इस दुनिया में,
और कोई भी दयालु नहीं है,
मेरे दिल में रमा है तेरा नाम,
मैं आया तेरे चरणों में,
अब सबकुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में ॥
अब सबकुछ सम्भालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में,
तेरे द्वार खड़ा हूँ लाचार,
बस जाओ मेरे कण कण में,
अब सबकुछ संभालो भोलेनाथ,
मैं आया तेरे चरणों में ॥
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