श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
लंका जला के,
सब को हरा के,
तुम्ही खबर सिया की लाये ।
पर्वत उठा के, संजीवन ला के,
तुमने लखन जी बचाए ।
हे बजरंगी बलवान,
तुम्हे हम याद दिलाते हैं ॥
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
पहले था रावण एक ही धरा पे,
जिसको प्रभु ने संघारा ।
तुमने सवारे थे काज सारे,
प्रभु को दिया था सहारा ।
जग में हे वीर सुजान,
भी तेरे गुण गाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
है धरम संकट में धर्म फिर से,
अब खेल कलयुग ने खेले ।
हैं लाखों रावण अब तो यहाँ पे,
कब तक लड़े प्रभु अकेले ।
जरा देख लगा के ध्यान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
है राम जी बिन तेरे अधूरे,
अनजानी माँ के प्यारे ।
भक्तो के सपने करने को पूरे,
आजा पवन के दुलारे ।
करने जग का कल्याण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।