दो अनमोल हीरे - प्रेरक कहानी (Do Anmol Heere)


दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति के पास, दो अनमोल हीरे -
एक व्यापारी को बाज़ार में घूमते हुए एक बहुत अच्छी नस्ल का ऊँट दिखाई पड़ा। व्यापारी और ऊँट बेचने वाले के बीच काफी लंबी सौदेबाजी हुई और आखिर में व्यापारी ऊँट खरीद कर घर ले आया।
घर पहुँचने पर व्यापारी ने अपने नौकर को ऊँट का कजावा (काठी) निकालने के लिए बुलाया। कजावे के नीचे नौकर को एक छोटी सी मखमल की थैली मिली जिसे खोलने पर उसे कीमती हीरे जवाहरात भरे होने का पता चला।

नौकर चिल्लाया, मालिक आपने ऊँट खरीदा, लेकिन देखो, इसके साथ क्या मुफ्त में आया है। व्यापारी भी हैरान था। उसने अपने नौकर के हाथों में हीरे देखे जो कि चमचमा रहे थे और सूरज की रोशनी में और भी टिम टिमा रहे थे।

व्यापारी बोला- मैंने ऊँट ख़रीदा है, न कि हीरे, मुझे उसे तुरंत वापस करना चाहिए।

नौकर मन में सोच रहा था कि मेरा मालिक कितना बेवकूफ है।
बोला- मालिक किसी को पता नहीं चलेगा।

पर, व्यापारी ने एक न सुनी और वह तुरंत बाज़ार पहुँचा और दुकानदार को मख़मली थैली वापिस दे दी। ऊँट बेचने वाला बहुत ख़ुश था, बोला, मैं भूल ही गया था कि अपने कीमती पत्थर मैंने कजावे के नीचे छुपा के रख दिए थे। अब आप इनाम के तौर पर कोई भी एक हीरा चुन लीजिए

व्यापारी बोला- मैंने ऊँट के लिए सही कीमत चुकाई है इसलिए मुझे किसी शुक्राने और उपहार की जरूरत नहीं है।
जितना व्यापारी मना करता जा रहा था, ऊँट बेचने वाला उतना ही ज़ोर दे रहा था।
अंत में व्यापारी ने मुस्कुराते हुए कहा- जब मैंने थैली वापस लाने का सोचा तो मैंने पहले से ही दो सबसे कीमती हीरे इसमें से अपने पास रख लिए थे।

इस कबूलनामें के बाद ऊँट बेचने वाला भड़क गया उसने अपने हीरे जवाहरात गिनने के लिए थैली को तुरंत खाली कर लिया।
पर वह था बड़ी पशोपेश में बोला- मेरे सारे हीरे तो यहीं है, तो सबसे कीमती दो कौन से थे जो आपने रख़ लिए?

व्यापारी बोला- मेरी ईमानदारी और मेरा आत्म सम्मान। जिस-जिस के पास यह 2 हीरे है वह दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
Prerak-kahani Vyapari Prerak-kahaniMarket Prerak-kahaniMerchant Prerak-kahaniOont Prerak-kahaniCamel Prerak-kahaniEmandari Prerak-kahaniHonesty Prerak-kahaniSelfrespect Prerak-kahaniHeere Prerak-kahaniTwo Diamonds Prerak-kahani
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जो आपका नहीं, उसके लिए दुख क्यों? - प्रेरक कहानी

एक आदमी सागर के किनारे टहल रहा था। एकाएक उसकी नजर चांदी की एक छड़ी पर पड़ी, जो बहती-बहती किनारे आ लगी थी। वह खुश हुआ और झटपट छड़ी उठा ली। अब वह छड़ी लेकर टहलने लगा।...

विद्वत्ता पर कभी घमंड न करें - प्रेरक कहानी

महाकवि कालिदास रास्ते में थे। प्यास लगी। वहां एक पनिहारिन पानी भर रही थी।
कालिदास बोले: माते! पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा।

भगवान अपने बच्चों को वही देंगे, जो उत्तम होगा - प्रेरक कहानी

एक बार घोषणा हुई कि भगवान सेब बॉटने आ रहे है। सभी लोग भगवान के प्रसाद के लिए तैयार हो कर लाइन लगा कर खड़े, एक छोटी बच्ची बहुत उत्सुक थी

बुरी परिस्थिति में भी अपनी उम्मीद ना छोड़े - प्रेरक कहानी

एक बार एक व्यक्ति रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी बहुत चीजें थीं, वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं थीं। पिछले दो दिनों से वह पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था।

अंध-अनुसरण कैसे पनपता है?- प्रेरक कहानी

इंस्पेक्शन के दौरान उन्होंने देखा कि कैम्प एरिया के मैदान में दो सिपाही एक बैंच की पहरेदारी कर रहे हैं।..