भिखारी के माध्यम से लोगों को संदेश - प्रेरक कहानी (Bhikhari Ke Madhyam Se Logon Ko Sandesh)


बनारस में एक सड़क के किनारे एक बूढ़ा भिखारी बैठता था। वह उसकी निश्चित जगह थी। आने-जाने वाले पैसे या खाने-पीने को कुछ दे देते। इसी से उसका जीवन चल रहा था। उसके शरीर में कई घाव हो गए थे। जिनसे उसे बड़ा कष्ट था।
एक युवक रोज उधर से आते-जाते समय उस भिखारी को देखता। एक दिन वह भिखारी के पास आकर बोला- बाबा! इतनी कष्टप्रद अवस्था में भी आप जीने की आशा रख रहे हैं। जबकि आपको ईश्वर से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए।

भिखरी ने उत्तर दिया- मैं ईश्वर से रोज यही प्रार्थना करता हूँ। लेकिन वह मेरी प्रार्थना सुनता नहीं है। शायद वह मेरे माध्यम से लोगों को यह संदेश देना चाहता है कि किसी का भी हाल मेरे जैसा हो सकता है। मैं भी पहले तुम लोगों की तरह ही था।

अहंकारवश अपने किये कर्मों के कारण मैं यह कष्ट भोग रहा हूँ। इसलिए मेरे उदाहरण के द्वारा वह(प्रभु) सबको एक सीख दे रहा है।

युवक ने बूढ़े भिखारी को प्रणाम किया और कहा- आज आपने मुझे जीवन की सच्ची सीख दी दी। जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।
Prerak-kahani Banaras Prerak-kahaniVaranasi Prerak-kahaniBhikhari Prerak-kahaniBhagwn Ka Sansdesh Prerak-kahani
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि - प्रेरक कहानी

एक बार एक राजा की सभा में एक चंदन के बहुत बड़े व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति राजकोष में जमा कर दी जाए...

प्रार्थना के बाद भी भगवान नहीं सुन रहे? - प्रेरक कहानी

प्रार्थना छोड़ दोगे तो कहीं के नहीं रहोगे? प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नहीं सुन रहे हैं? एक सेठ के घर के बाहर एक साधू महाराज खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे और बदले में खाने को रोटी मांग रहे थे।

भक्तमाल सुमेरु तुलसीदास जी - सत्य कथा

भक्तमाल सुमेरु श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज| वृंदावन में भंडारा | संत चरण रज ही नहीं अपितु पवित्र व्रजरज इस जूती पर लगी है | हां ! संत समाज में दास को इसी नाम से जाना जाता है..

तुलसीदास जी कुटिया पर श्री राम लक्षमण का पहरा - सत्य कथा

उन वीर पाहरेदारों की सावधानी देखकर चोर बडे प्रभावित हुए और उनके दर्शन से उनकी बुद्धि शुद्ध हो गयी।

दो अनमोल हीरे - प्रेरक कहानी

एक व्यापारी को बाज़ार में घूमते हुए एक बहुत अच्छी नस्ल का ऊँट दिखाई पड़ा। व्यापारी और ऊँट बेचने वाले के बीच काफी लंबी सौदेबाजी हुई और आखिर में व्यापारी ऊँट खरीद कर घर ले आया... | दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति के पास, दो अनमोल हीरे..