धौलपुर चम्बल नदी के किनारे व अरावली पर्वत श्रंखलाओं की गोद में स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से फला-फूला शहर है। प्राकृतिक सरोवर मुचुकुन्द शहर की प्रमुख धार्मिक विरासत है, जिसे राजस्थान के पूर्वाचल का पुष्कर भी कहा जाता है। शहर की प्रमुख धार्मिक विरासत के बारे में जानिए..
तीर्थराज मुचुकुन्द @Dholpur Rajasthan
सभी तीर्थों के भान्जे की उपाधि से सुशोभित, एक बड़े पवित्र तालाब के चारों ओर घिरे 108 मंदिरों की श्रृंखला का नाम है तीर्थराज मुचुकुन्द।
चौपड़ा महादेव मन्दिर @Dholpur Rajasthan
वास्तु सिद्ध, अष्टकोणीय, शिव यंत्र के आकार का प्राचीन कैलाश धाम आज-कल चौपड़ा महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। भारतीय पुरातत्वविदों ने इस मंदिर को 500 साल पुरानी संरचना माना है, जोकि धौलपुर एस्टेट का सबसे पुराना शिव मंदिर है।
किले वाले हनुमान जी, धौलपुर @Dholpur Rajasthan
संकट मोचन हनुमान जी, नरसिंह भगवान रूपी, सिद्धी दाता हनुमान जी, प्राचीन मनोकामना सिद्ध, पश्चिम मुखी, वीर रूपी श्री हनुमान मंदिर। रामानंदी चंदन रूपी विग्रह होने के कारण इन्हें दर्शन रूपी हनुमान भी कहा जाता है।
श्री लौंगपुर सिद्ध बाबा मंदिर @Dholpur Rajasthan
लौंगपुर पहाड़ी के ऊपर श्री रामदासजी महाराज का निवास और समाधि स्थल श्री लौंगपुर सिद्ध बाबा मंदिर है। मंदिर श्री राम भक्त भगवान श्री हनुमान को समर्पित है। मित्र मंडल लौंगपुर पहाड द्वारा प्रत्येक मंगलवार को साप्ताहिक भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
Dholpur remains one of the most fascinating regions in the state that has witnessed the oldest civilizations, and is extremely rich in cultural heritage. धौलपुर राजस्थान के मंदिर
धौलपुर राज्य के सबसे आकर्षक क्षेत्रों में से एक है जो सबसे पुरानी सभ्यताओं का गवाह रहा है, और सांस्कृतिक विरासत में बेहद समृद्ध है। धौलपुर से लाल बलुआ पत्थर देश भर में प्रसिद्ध है और दिल्ली में लाल किले के निर्माण में प्रसिद्ध था।
आइए जानते हैं धौलपुर राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में:
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