श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पहली बार लड्डू गोपाल और बाबा विश्वनाथ ने एक साथ भक्तों को दर्शन दिए। यह क्रम अब षष्ठी तक चलेगा।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के नवाचारों के तहत धाम में पहली बार आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार को पूरी रात मंदिर का गर्भगृह दर्शन-पूजन के लिए खुला रहा। सोमवार से ही बाबा धाम में राग, भोग, शृंगार आदि के साथ लड्डू गोपाल का दर्शन-पूजन किया गया। शयन आरती के बाद लड्डू गोपाल की विदाई होनी थी, लेकिन मंदिर के अर्चकों ने बोली लगाना शास्त्र सम्मत नहीं माना। इसके बाद निर्णय लिया गया कि षष्ठी तक लड्डू गोपाल धाम में ही रहेंगे।
अब छह दिनों तक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उत्सव मनाया जाएगा। सनातन परंपरा का पालन करते हुए षष्ठी तिथि के बाद लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना के साथ पुनः विष्णु स्वरूप धारण करने के अनुष्ठान के साथ संपन्न होगी।
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