ज्ञानवापी मामला: ज्योतिर्लिंग आदिविश्वेश्वर के बारे में सामने आईं रहस्यमयी बातें (Gyanvapi case: Mysterious things came to light about Jyotirling Adi Vishweshwar)

ASI ने स्पष्ट किया है कि मस्जिद से पहले यहां पर बहुत बड़ा हिंदू मंदिर था। 839 पेज की सर्वे रिपोर्ट में कई जानकारी दी है, जिसमें से एक जीपीआर सर्वे हिंदू मंदिर की प्राचीनता का राज खोल रहा है। मंदिर के छह मीटर नीचे एक बड़े फर्श के बारे में पता चला है, लेकिन ये किस सामग्री से बनाया गया है। किस राजवंश और सटीक किस साल में बना है, यह अभी पता नहीं चल पाया है।ज्ञानवापी में तहखाने के नीचे मंदिर का इतिहास
ज्ञानवापी के मसले पर जितना नीचे जाएंगे, ज्योर्तिलिंग आदिविश्वेश्वर के बारे में उतनी ही रहस्यमयी बातें सामने आएंगी। प्रो. अशोक कहते हैं कि ज्ञानवापी में तहखाने के नीचे मंदिर का इतिहास उत्खनन के जरिए पता किया जा सकता है। एएसआइ सर्वे में ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे भी कुछ यही इशारा कर रहे हैं। मंदिर के तहखाने के नीचे बड़ा फर्श है। उसके तीन मीटर नीचे भी कुछ ऐसा ही आकार दिखाई पड़ा है। ज्ञानवापी के नीचे मंदिर के दो पुराने फ्लोर भी हैं। तहखाना और एक कुआं भी है, लेकिन यहां आज तक कोई पहुंच नहीं पाया है। जीपीआर सर्वे के मुताबिक, मंदिर का इतिहास गुप्त काल का है। उत्तरी हाल में सर्वे किया गया, यहां नीचे फ्लोर पर कोई बड़ा छिद्र है। फर्श पर मोर्टार यानी कि कोई ठोस चीज का काफी जमाव है, इसके और नीचे आयताकार स्थान है, इसका एक हिस्सा खुला हुआ है। दरवाजा दक्षिण की ओर खुलता है।

पुरातात्विक साक्ष्य
मंदिर के दक्षिणी गलियारे में 4-6 मीटर नीचे जाने पर ऐसा है। ठीक ऐसा ही उत्तरी गलियारे की ओर एक आकार तहखाने से तीन मीटर नीचे है। जहां कहीं भी यदि पुरातात्विक साक्ष्य मिलते हैं तो उनके हर एक मीटर नीचे जाने पर पूरी की पूरी शताब्दी बदलती जाती है। हम समय में पीछे चलते जाते हैं।
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Today, the district court of Varanasi has given a big decision regarding the Gyanvapi complex.
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