गंगा सागर मेला, कुम्भ मेले के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय मेला है। इस बार गंगा सागर का पवित्र स्नान रात में ही शुरू हो रहा है।
दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने कहा है कि इस बार पुण्य लग्न 14 जनवरी की आधी रात (12:20) से 15 जनवरी की आधी रात (12:23) तक है। इसलिए मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पूरा दिन मिलेगा।
यह पश्चिम बंगाल के सागरद्वीप में आयोजित होने वाला भारत का सबसे बड़ा मेला है और इसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं। बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है, जहां तीर्थयात्री अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। सर्दियों के दौरान आयोजित होने वाला यह मेला सागरद्वीप और उसके आसपास विभिन्न अनुष्ठान करने, दीपक जलाने और मंत्रों का जाप करने के लिए तीर्थयात्रियों का एक वार्षिक जमावड़ा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आसान आवागमन को सक्षम करने के लिए कुल 2,250 राज्य बसें, 250 निजी बसें और छह बजरा जहाजों को सेवा में लगाया जाएगा। प्रत्येक बजरा जहाज में लाइफ जैकेट होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 10 पर्यटक बसें तैयार रखी जाएंगी।
2024 का गंगा सागर मेला को राज्य सरकार विश्व मानचित्र पर सर्वोत्तम मेले के रूप में स्थापित करने के लिए कार्य कर रही है।* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
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