मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला का ASI सर्वे चल रहा है. सर्वे के 80वें दिन सीढ़ियों के नीचे एक बंद कमरे में भगवान गणेश, मां वाग्देवी, मां पार्वती, हनुमानजी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलीं। इसके साथ ही पारंपरिक आकृतियों वाले शंख-चक्र और शिखर सहित लगभग 79 अवशेष मिले हैं। 8 बाय 10 फीट के इस कमरे को दोनों पक्षों की मौजूदगी में खोला गया। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिकाकर्ता ने भोजशाला को प्रमाण पत्र मिलने को अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ये सभी चीजें बाद में यहां रखी गईं।
क्या है भोजशाला विवाद?
धार जिले की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार भोजशाला मंदिर का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। राजा भोज परमार वंश के एक महान राजा थे जिन्होंने 1000 से 1055 ईस्वी तक शासन किया था। कहा जाता है कि 1305 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने भोजशाला पर आक्रमण किया और 1401 ई. में दिलवर खान गौरी ने भोजशाला के एक भाग में और 1514 ई. में महमूद शाह खिलजी ने दूसरे भाग में मस्जिद बनवाई। 19वीं सदी में जब यहां खुदाई की गई तो देवी सरस्वती की मूर्ति मिली, जिसे अंग्रेज अपने साथ ले गए। यह प्रतिमा इस समय लंदन के संग्रहालय में है। इस मूर्ति को भारत वापस लाने पर भी विवाद चल रहा है। देश की आजादी के बाद भोजशाला में पूजा और नमाज को लेकर विवाद बढ़ने लगा। कोर्ट ने अभी हिंदुओं को मंगलवार को प्रवेश के साथ पूजा करने और मुसलमानों को शुक्रवार को परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत दी है. जब भी बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन पड़ती है तो विवाद बढ़ जाता है। दोनों पक्ष पूजा और नमाज को लेकर विवाद करते हैं। अब कोर्ट के आदेश पर यहां एएसआई सर्वे चल रहा है।
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक:
यहाँ साझा करें।