विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और शुक्रवार के महासंयोग पर बाबा महाकाल को देवी स्वरूप में सजाया गया। माथे पर बिंदी लगाने के साथ-साथ नाक में नथनी भी पहनी हुई थी। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नया मुकुट और मस्तक माला पहनाई गई और भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन का लाभ उठाया।
मंदिर में श्रद्धालु ने भगवान श्रीमहाकालेश्वर को 1 नग चांदी का त्रिशूल भेंट किया। जिसका कुल वजन लगभग 1044.00 ग्राम है।* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
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