अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेज हो गई हैं। रविवार को श्रीराम जन्मभूमि के सुग्रीव किला परिसर में हल्दी से रंगे 100 क्विंटल अक्षत रामलला को समर्पित किये गये।
चावल में यथाविधि अक्षत के साथ पिसी हुई हल्दी और देशी घी भी मिलाया गया। चावल को रंगने के बाद उसे पीतल के कलश में रखा गया। फिर इसे पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा गया। देश के चयनित 101 कार्यकर्ताओं ने मंत्रोच्चारण के बीच पूजित अक्षत कलश को ग्रहण किया और अपने-अपने प्रांतों के लिए रवाना हुए, जहां से जिले की टीम मंडलों और ब्लॉकों के माध्यम से अक्षत गांव के मंदिरों में ले जाएगी। इसके साथ ही मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया। राम मंदिर में यह पहला अनुष्ठान है।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हर्षोल्लास देश के पांच लाख मंदिरों में मनाया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम भक्तों से अपील की है कि वे 22 जनवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजे के बीच अपने-अपने स्थानों पर अनुष्ठान करें और शाम को दीपोत्सव मनाएं।
23 जनवरी से मंदिर आम जनता और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। एक दिन में 70 से 75 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
इस मौके पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को जब अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह होगा तो देश के 5 लाख मंदिरों में अयोध्या जैसा हर्षोल्लास मनाया जाएगा।* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
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