अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की मूर्ति का अनावरण मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया। जिन्होंने साक्षात रामलला की मूर्ति बनाई, तीन अरब साल पुरानी
कृष्ण शिला नाम की चट्टान से बनी यह मूर्ति राम मंदिर के गर्भगृह की शोभा बढ़ा रही है।
अरुण योगीराज कर्नाटक के अग्रहारा, मैसूर के रहने वाले हैं। 41 वर्षीय मूर्तिकार पांच पीढ़ियों के परिवार से हैं। उनके प्रसिद्ध दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।
22 जनवरी को भगवान राम की मूर्ति बनाने के बाद अरुण योगीराज को लगा कि वह दुनिया के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं।
रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 4.24 फीट है, जो दिखने में काफी भव्य है। मूर्ति का वजन करीब 200 किलो है। प्रतिमा में भगवान राम के कई अवतारों को उकेरा गया है।* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
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