श्रीगणपति रक्षाकवचम् : मंत्र (Shriganpati Rakshakavacham)


पार्वतेयं महाकायं ऋद्धिसिद्धि वरदायकम्
गणपतिं निधिपतिं सर्वजन लोकनायकम्
रुद्रप्रियं यज्ञकायं नमामि हे दीर्घकायकम्
हे गजानन गिरिजानन्दन रक्ष मां देव रक्ष माम् ॥ १ ॥
एकदन्तं कृपानन्तं सर्वांगसुन्दरदर्शनम्
वक्रतुंडं दिव्यऋण्डम् अपूर्वमंगलस्पर्शनम्
लंबोदरं पीतांबरं नमामि हे रोमहर्षणम्
हे गजानन गिरिजानन्दन रक्ष मां देव रक्ष माम् ॥ २ ॥

प्रेममूर्तिं कामपूर्तिं चराचर हृदस्पन्दनम्
मंत्रमुग्धं पापदग्धम् अग्रपूज्य देववन्दनम्
प्रथमेशं श्रीगणेशं नमामि हे गौरीनन्दनम्
हे गजानन गिरिजानन्दन रक्ष मां देव रक्ष माम् ॥ ३ ॥

दिव्यतेजं कविराजं योगीजन आत्मकारकम्
शिवानन्दं पराद्वन्दं भावप्रद प्रेमधारकम्
विघ्ननाशं दीर्घश्वासं नमामि हे गर्वमारकम्
हे गजानन गिरिजानन्दन रक्ष मां देव रक्ष माम् ॥ ४ ॥

प्रथमं मयूरेश्वरं द्वितीयं सिद्धिविनायकम्
ततश्च भल्लालेश्वरम् अस्ति वरदाविनायकम्
पंचमं चिंतामणिदेवं षष्ठं च गिरिजात्मजम्
विघ्नेश्वरं महागणपतिं नमामि अष्टदेवम्
हे गजानन गिरिजानन्दन रक्ष मां देव रक्ष माम् ॥ ५ ॥

तरूणी लभते वरं च प्रीत्यार्थी लभते प्रेमम्
विद्यार्थी लभते विद्यां च मोक्ष्यार्थी लभते धामम्
अर्थार्थी लभते अर्थं च कामार्थी लभते कामम्
हे गजानन गिरिजानन्दन कृष्णदासः भजति त्वाम् ॥ ६ ॥

॥ इति श्रीकृष्णदासः विरचित श्रीगणपति रक्षाकवचम् सम्पूर्णम् ॥
Shriganpati Rakshakavacham - Read in English
Parvateyan Mahaakaayan Riddhisiddhi Varadayakam, Ganpatin Nidhipatin Sarvajan Lokanayakam, Rudrapriyan Yagyakayan Namaami He Dirghakayakam, Hey Gajanan Girijanandan Raksh Maan Dev Raksh Mam ॥ 1 ॥
Mantra Shriganpati Rakshakavacham MantraShri Ganesh MantraShri Vinayak MantraGanpati MantraGanpati Bappa MantraGaneshotsav MantraGajanan MantraGanesh Chaturthi Mantra
अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

श्री रुद्राष्टकम्

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं...

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥