भूतनाथ अष्टकम् (Bhootnath Ashtakam)


श्री विष्णुपुत्रं शिवदिव्यबालं मोक्ष प्रदं दिव्यजनाभिवन्द्यम् ।
कैलासनाथ प्रणवस्वरूपं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ १॥
अज्ञानघोरान्ध धर्म प्रदीपं प्रज्ञानदान प्रणवं कुमारम् ।
लक्ष्मीविलासैकनिवासरङ्गं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ २॥

लोकैकवीरं करुणातरङ्गं सद्भक्तदृश्यं स्मरविस्मयाङ्गम् ।
भक्तैकलक्ष्यं स्मरसङ्गभङ्गं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ ३॥

लक्ष्मी तव प्रौढमनोहर श्री सौन्दर्य सर्वस्व विलासरङ्गम् ।
आनन्द सम्पूर्ण कटाक्षलोलं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ ४॥

पूर्णकटाक्ष प्रभयाविमिश्रं सम्पूर्ण सुस्मेर विचित्रवक्त्रम् ।
मायाविमोह प्रकरप्रणाशं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ ५॥

विश्वाभिरामं गुणपूर्णवर्णं देहप्रभानिर्जित कामदेवम् ।
कुपेट्य दुःखर्व विषादनाशं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ ६॥

मालाभिरामं परिपूर्णरूपं कालानुरूप प्रकाटावतारम् ।
कालान्तकानन्दकरं महेशं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ ७॥

पापापहं तापविनाशमीशं सर्वाधिपत्य परमात्मनाथम् ।
श्रीसूर्यचन्द्राग्निविचित्रनेत्रं श्रीभूतनाथं मनसा स्मरामि ॥ ८॥

॥ इति श्रीभूतनाथमानसाष्टकं सम्पूर्णम् ॥
Bhootnath Ashtakam - Read in English
Shiva Shiva Shaktinath Samharam Sham Swaroopam , Nav Nav Nityanrityam Tandavam Tan Tannadam, Ghan Ghan Ghanimegham Ghanaghoran Ghan Naninaadam, Bhaj Bhaj Bhasmalepan Bhajaami Bhootanaatm ॥1॥
मंत्र का मूल रूप
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ॥1॥

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नम: शिवाय ॥2॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ॥3॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय, तस्मै वकाराय नम: शिवाय ॥4॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नम: शिवाय ॥5॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥6॥
Mantra Bhootnath Ashtakam MantraShiv MantraBholenath MantraMahadev MantraShivaratri MantraSavan Ke Somvar MantraMonday MantraSomwar MantraSomvati Amavasya Mantra
अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - श्री विष्णु

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम...

दशरथकृत शनि स्तोत्र

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥

अन्नपूर्णा स्तोत्रम्

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी, निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी।

श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम् विष्णुपुराणान्तर्गतम्

सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः। देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः॥