वेणी माधव मंदिर - Veni Madhav Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
◉ पुराणों में वेणी माधव मंदिर को प्रयाग में भगवान विष्णु की पहली पीठ के रूप में वर्णित है।
◉ त्रिवेणी संगम पर स्नान करने और वेणी माधव मंदिर के दर्शन करने से आध्यात्मिक मुक्ति का मार्ग मिलता है।
प्रयाग में पवित्र त्रिवेणी संगम के पास दरनगंज में स्थित वेणी माधव मंदिर, भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रमुख और प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। शहर के बारह (द्वादश) माधव मंदिरों में से एक के रूप में, यह भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, मंदिर के अनुष्ठानों में भाग लेने और पास की नदी में स्नान करने से व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।

वेणी माधव मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
भगवान कृष्ण और लक्ष्मी देवी को समर्पित वेणी माधव मंदिर हिंदू परंपरा में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि इसका उल्लेख मत्स्य पुराण, अग्नि पुराण और पद्म पुराण सहित कई पवित्र ग्रंथों में किया गया है। ये ग्रंथ इस मंदिर को प्रयाग में भगवान विष्णु की पहली पीठ के रूप में वर्णित करते हैं।

इसके पीछे की किंवदंती बहुत महत्वपूर्ण है: जब राक्षस गजकर्ण ने पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र जल को चुरा लिया, तो इससे बहुत पीड़ा हुई। भगवान विष्णु ने अपनी दिव्य करुणा में एक भयंकर युद्ध लड़ा और अंततः अपने सुदर्शन चक्र से गजकर्ण का सिर काट दिया। जैसे ही राक्षस गिरा, नदियों का पानी उसके शरीर से बाहर निकल गया और अपने मूल मार्ग पर लौट आया, जिससे भूमि की पवित्रता बहाल हो गई और प्रयाग के लोगों को अपार खुशी मिली।

भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति के लिए जाने जाने वाले चैतन्य महाप्रभु जैसे महान संतों ने यहां गहन आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया। ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण के प्रति अपने प्रेम से अभिभूत होकर उन्होंने मंदिर में तीन दिन और रात तक ध्यान किया। इसी प्रकार, अपनी भक्ति कविता और भजनों के लिए प्रसिद्ध प्रसिद्ध संत मीराबाई ने इस पवित्र मंदिर में अपने कई प्रिय भजनों की रचना की।

वेणी माधव मंदिर दर्शन का समय
वेणी माधव मंदिर में दर्शन का समय सुबह 05:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 04:00 बजे से रात 10 बजे तक है। मंदिर में चार बार पूजा होती है और रात्रि 08:30 बजे भक्ति गीत होते हैं।

वेणी माधव मंदिर के प्रमुख त्यौहार
वेणी माधव मंदिर पूरे वर्ष बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है और महाकुम्भ और माघ मेला के दौरान सबसे अधिक भीड़ रहती है। इस मंदिर में जनमाष्टमी जैसे त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं। इन त्योहारों के दौरान आस-पास के क्षेत्रों से लोग आते हैं और एक साथ जश्न मनाते हैं। दिवाली एक और त्योहार है जो इस मंदिर में मनाया जाता है।

वेणी माधव मंदिर तक कैसे पहुँचें?
वेणी माधव मंदिर प्रयागराज में स्थित है। यह शहर हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। एक बार जब आप प्रयागराज पहुँच जाते हैं, तो कोई भी स्थानीय परिवहन द्वारा आसानी से वेणी माधव मंदिर तक पहुँच सकता है।

वेणी माधव मंदिर में व्यक्तिगत अनुभव:

❀ मंदिर का आध्यात्मिक महत्व और भगवान वेणी माधव के प्रति श्रद्धा इसे मोक्ष और दिव्य आशीर्वाद चाहने वाले भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
❀ ऐसा माना जाता है कि त्रिवेणी संगम पर स्नान करने और वेणी माधव मंदिर के दर्शन करने से आध्यात्मिक मुक्ति का मार्ग मिलता है।
❀ प्रयागराज में वेणी माधव मंदिर के दर्शन के लिए सुबह जल्दी और देर शाम को सबसे अच्छा समय है।
प्रचलित नाम: लक्ष्मी नारायण मंदिर
Veni Madhav Mandir - Read In English
Veni Madhav Temple, located at Daranganj near the sacred Triveni Sangam in Prayag, is a prominent and ancient temple dedicated to Bhagwan Vishnu.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
5 AM - 10 PM
मंत्र
ॐ केशवाय नमः स्वाहा, ॐ नारायणाय नमः स्वाहा, माधवाय नमः स्वाहा
त्योहार
समर्पित
भगवान विष्णु

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Veni Madhav Mandir, Nirala Marg, Daraganj Prayagraj Uttar Pradesh
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
25.445775°N, 81.8833726°E

क्रमवद्ध - Timeline

5 AM - 10 PM

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Updated: Jan 21, 2025 16:06 PM