सिरसागंज शहर का सबसे प्रसिद्ध एवं पुरातन मंदिर,
श्री वनखण्डेश्वर मंदिर, इस धार्मिक स्थल को स्थानीय समुदाय द्वारा साधारण बोल-चाल की भाषा में
बरखंडी कहा जाता है। मंदिर में भगवान शिव के वनखण्डेश्वर स्वरूप की पूजा की जाती है। मंदिर में बाँकेविहारी जी एवं वनखण्डेश्वर स्वरूप शिवलिंगम सबसे प्राचीन विग्रह हैं।
मंदिर का विशाल हरा-भरा प्रांगण इसके वातावरण को और भी अधिक रमणीय बनता है। भगवान शिव की उपस्थिति के साथ-साथ यहाँ श्री राधा कृष्ण एवं श्री हनुमान जी महाराज के दर्शन शुलभ हैं।
कामदा एकादशी अर्थात चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन श्री राधा वल्लभ जी की शोभा यात्रा सारे नगर मे डुलाई जाती है। इस विशेष उत्सव पर श्री राधा कृष्ण को बहुत ही मनमोहक ढंग से सजाया जाता है, उसके उपरांत शाम 7 बजे बेंड-बाजों के साथ सारे नगर मे शोभा यात्रा निकली जाती है, साथ ही साथ नगर के प्रतिष्ठित भक्त श्री युगल किशोर जी का पूजन तथा कीर्तन का आयोजन करते हैं। यह शोभायात्रा जन साधारण के बीच भगवान का डोला के नाम से प्रसिद्ध है. इस शोभायात्रा की भव्यता इसी से जानी जा सकती है कि, ये यात्रा 12 घंटे होने के पश्चात भी सुवह 8 बजे तक सम्पन नहीं हो पाती है।
जन्माष्टमी मंदिर का सबसे भव्य त्यौहार है, जिसके अंतर्गत श्रीमद्भगवद् कथा का आयोजन किया जाता है। दीवाली के पश्चात गोवर्धन पूजा के दिन अननकूट का भोग एवं भंडारा किया जाता है।
चैत्र एवं शारदीय
नवदुर्गा के दौरान प्रत्येक दिन सुवह 5 बजे मंगला आरती, 9 बजे हवन एवं प्रसाद वितरण एवं शाम को महाआरती का आयोजन किया जाता है।
नवरात्रि के समापन अर्थात नवमी के दिन विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। माह के प्रत्येक कृष्ण एवं शुक्ल की
अष्टमी तिथि पर प्रातः 9 बजे हवन तथा उसके उपरांत प्रसाद वितरण किया जाता है।
सन् 1991 मे मंदिर परिसर मे स्थित शिव धाम के निकट
व्यास गद्दी का निर्माण किया गया, जिसके फलस्वरूप मंदिर को सभी ऋतुओं मे सुगम एक स्थाई कथा वाचन की जगह मिली। मंदिर तक पहुँचने के लिए, मुख्य शहर से दूर, कौरारा रोड से अहमदपुर की ओर जाते हुए, सिरसा नदी से पहिले ही बाईं ओर जाते हुए रास्ते मे स्थित है।
प्रचलित नाम: श्री वनखण्डेश्वर मंदिर, वनखण्डेश्वर सिरसागंज
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Water Cooler, Drinking Water, Shoe Store, Washrooms, Sitting Benches, Music System, Parking