त्रिवतीनाथ मंदिर, या त्रिवतीनाथ महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश के बरेली में एक प्रसिद्ध प्राचीन हिंदू शिव मंदिर है। बरगद के तीन वृक्षों के बीच शिवलिंग प्रकट होने के कारण इसका नाम त्रिवती पड़ा। इसके अलावा प्राचीन त्रिवतीनाथ मंदिर में भोलेनाथ की 60 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा लोगों के बीच आस्था और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
खास बात यह है कि बरेली पहले से ही नाथनगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि शहर की हर दिशा में भगवान शिव का मंदिर है।
त्रिवतीनाथ मंदिर के पीछे का इतिहास
त्रिवतीनाथ मंदिर 14वीं शताब्दी के मध्य में बनाया गया था जब एक चरवाहे ने भगवान शिव को बरगद के पेड़ के नीचे खड़े होकर मुस्कुराते हुए देखा था। जब चरवाहा उठा, तो उसने एक चमकता हुआ शिव लिंग देखा जो ठीक उसी स्थान पर रखा गया था जहाँ उसने भगवान को खड़ा देखा था। भगवान शिव का एक मंदिर वहां बनाया गया था और इसे त्रिवतीनाथ मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। आज, यह बरेली के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है।
त्रिवतीनाथ मंदिर में अन्य पूजा की जाने वाली मूर्तियाँ और आसपास:
❀ वर्ष 1981 में, संरचना का जीर्णोद्धार किया गया था और देवी भगवती, काली, लक्ष्मी, कृष्ण आदि जैसे अन्य हिंदू देवताओं की मूर्तियों को भी स्थापित किया गया था।
❀ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का जीर्णोद्धार किया गया है और हरी घास के विशाल कालीन से सुसज्जित किया गया है।
❀ सुंदर स्थान के कारण, यह दैनिक आधार पर बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है।
त्रिवतीनाथ मंदिर में प्रधान उत्सव
त्रिवतीनाथ मंदिर में प्रमुख हिंदू त्योहार जैसे महा शिवरात्रि, गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, नवरात्रि आदि भव्य तरीके से मनाए जाते हैं।
कैसे पहुंचे त्रिवतीनाथ मंदिर?
त्रिवतीनाथ मंदिर बरेली शहर के मध्य में स्थित है और इस प्रकार, इसका रोडवेज और रेलवे के बीच एक सुस्थापित संबंध है। बस, कैब या ऑटो जैसे स्थानीय ट्रांजिट की सेवा किराए पर लेकर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
प्रचलित नाम: त्रिवतीनाथ मंदिर, त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, पीने के पानी की सुविधा, पार्किंग क्षेत्र