स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी - Statue of Equality

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ महान संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा।
◉ श्री रामानुज मिलेनियम समारोह के अवसर पर मूर्ति का उद्घाटन हुआ।
स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी, संत श्री रामानुजाचार्य की मूर्ति, का उद्घाटन 12 दिवसीय श्री रामानुज मिलेनियम समारोह के अवसर पर किया गया है, जो श्री रामानुजाचार्य की 1000 वीं जयंती को चिह्नित करता है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में महान संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया। इस मूर्ति को समानता की मूर्ति कहा गया है। पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मूर्ति का विधिवत उद्घाटन किया।

भक्तिमार्ग के जनक रामानुजाचार्य हैं:
संत रामानुजाचार्य हिंदू भक्ति परंपरा से आते हैं। उनका जन्म 1017 ई. में तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे वरदराज स्वामी के भक्त थे और एक महान संत और समाज सुधारक थे। उन्होंने अलग-अलग मौकों पर संदेश देते हुए कहा था कि भगवान के सामने सभी समान हैं और हर जाति के लोगों को उनका नाम लेने का अधिकार है। मंदिर में प्रवेश सभी के लिए खुला है।

समानता की प्रतीक इस प्रतिमा से जुड़ी कुछ अहम बातें:
◉ भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी का उद्घाटन 11वीं शताब्दी में हुआ था। संत रामानुजाचार्य ने जीवन, भक्ति, जाति और पंथ के विभिन्न पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया।
◉ संत श्री रामानुजाचार्य ने समानता के विचार के लिए लोगों के साथ मिलकर काम किया और राष्ट्रीयता, लिंग, जाति या पंथ में समानता के विचार को बढ़ावा दिया।
◉ यह मूर्ति पंच धातु यानी 5 अलग-अलग धातुओं से बनी है। इनमें लोहा, सोना, चांदी, तांबा और कांस्य और जस्ता शामिल हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है।
◉ इस मूर्ति की स्थापना के लिए 54 फीट ऊंची भद्रा बेदी तैयार की गई है, जिस पर यह मूर्ति स्थापित है।
◉ इस परिसर में संत श्री रामानुजाचार्य के कार्यों से संबंधित लिखित सामग्री, प्राचीन दस्तावेज रखे गए हैं। वैदिक डिजिटल लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर भी यहीं स्थित है।
◉ इस मूर्ति के साथ ही परिसर में 108 दिव्यदेशों का निर्माण किया गया है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के 108 अवतार हैं और ये 108 दिव्य देश उन्हीं का प्रतीक हैं।
◉ समानता की मूर्ति “स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी” दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति है, जो बैठने की मुद्रा में है।
◉ इस मूर्ति की कल्पना और डिजाइन श्री रामानुजाचार्य आश्रम के स्वामी चिन्ना जेयर ने की है।

भारत के महान संतों में से एक रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती के अवसर पर सहस्राब्दी समारोह का आयोजन किया गया। श्री रामानुजाचार्य आश्रम के चिन्ना जेयर स्वामी ने कहा कि हम समानता की इस प्रतिमा को सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में भव्य तरीके से बनाने की योजना बना रहे हैं ताकि दुनिया को सभी के लिए जगह बनाने के लिए प्रेरित किया जा सके
प्रचलित नाम: समानता की मूर्ति
Statue of Equality - Read In English
The Statue of Equality, an idol of Sant Shri Ramanujacharya, has been inaugurated on the occasion of the 12-day Shri Ramanuja Millennium Celebrations. Prime Minister Narendra Modi inaugurated a 216 feet tall statue of great saint Ramanujacharya in Hyderabad

जानकारियां - Information

दर्शन समय
3:00 PM - 6:30 PM
स्थापना
14 फरवरी 2022
देख-रेख संस्था
Statue Of Equality
द्वारा उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
वास्तुकला
Sudarshana Chakra
फोटोग्राफी
हाँ जी (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Sri Ramanagaram JIVA Campus Shamshabad Hyderabad Telangana
वेबसाइट 📡
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
17.1858188°N, 78.3309616°E

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी

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Updated: Jul 21, 2024 06:07 AM