श्री अन्नपूर्णा मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भोजन और पोषण की देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है। यह विशेश्वरगंज, वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर वाराणसी के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। भक्त अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और भरपूर फसल के लिए अन्नपूर्णा से प्रार्थना करने के लिए मंदिर में आते हैं।
श्री अन्नपूर्णा मंदिर वाराणसी का इतिहास और वास्तुकला
वर्तमान अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा पेशवा बाजीराव ने करवाया था। श्री अन्नपूर्णा मंदिर सुनहरे गुंबद वाला दो मंजिला मंदिर है।
मंदिर के गर्भगृह में देवी अन्नपूर्णा देवी की दो मूर्तियाँ हैं; एक सोने का और दूसरा पीतल का। पीतल की मूर्ति दैनिक दर्शन के लिए उपलब्ध होती है जबकि सोने की मूर्ति के दर्शन वर्ष में केवल एक बार अन्नकूट के दिन ही किये जा सकते हैं। हर साल दिवाली के बाद अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। इस अवसर पर सभी भक्तों को सिक्के बांटे जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस सिक्के की पूजा करेगा, अन्नपूर्णा माता उसे सफल और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद देंगी।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता पार्वती ने भगवान शिव की तीनों आंखें बंद कर दीं तो पूरी दुनिया में अंधेरा हो गया। इसके कारण, माता पार्वती ने भी अपना गौरी रूप खो दिया और फिर से गौरी रूप प्राप्त करने के लिए भगवान शिव से मदद मांगी। भगवान शिव की सलाह पर माता अन्नपूर्णा देवी के रूप में स्वर्ण कलश और कलछी लेकर वाराणसी में अन्न दान करने आईं। अत: माता पार्वती ने पुनः अपना गौरी रूप प्राप्त कर लिया।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, एक बार माता पार्वती तब बहुत क्रोधित हो गईं जब भगवान शिव ने उन्हें बताया कि पूरा संसार (अन्न सहित) माया है। भोजन के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए उसने पृथ्वी से सारा भोजन गायब कर दिया और पूरी दुनिया भूख से पीड़ित होने लगी। अंततः भगवान शिव माता पार्वती के पास आये और भोजन के महत्व को स्वीकार किया। तब माता पार्वती ने प्रसन्न होकर भगवान शिव को अपने हाथों से भोजन अर्पित किया और फिर अपने भक्तों के लिए वाराणसी में रसोई बनाई।
यह मंदिर हिंदू वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। मंदिर के बाहरी हिस्से पर जटिल नक्काशी और मूर्तियां देखने लायक हैं। मंदिर के आंतरिक भाग को भी सुंदर चित्रों और मूर्तियों से सजाया गया है। मंदिर शांति और सुकून का स्थान है। यह मंदिर हिंदू संस्कृति और धर्म के बारे में जानने के लिए भी एक बेहतरीन जगह है।
श्री अन्नपूर्णा मंदिर वाराणसी का दर्शन समय
यह मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।
मंदिर परिसर में हर दोपहर अन्नदानम भी होता है जहां भक्तों को मुफ्त भोजन मिल सकता है।
श्री अन्नपूर्णा मंदिर वाराणसी कैसे पहुँचें
वाराणसी से श्री अन्नपूर्णा मंदिर तक बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह पवित्र शहर सड़क मार्ग और रेलवे मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। प्रसिद्ध
काशी विश्वनाथ मंदिर से 15 मीटर उत्तर-पश्चिम में, मणिकर्णिका घाट से 350 मीटर पश्चिम में, वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से 4.5 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है।
प्रचलित नाम: श्री अन्नपूर्णा मंदिर वाराणसी
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल