शरण बसवेश्वर मंदिर (ಶ್ರೀ ಶರಣಬಸವೇಶ್ವರ ದೇವಸ್ಥಾನ), गुलबर्गा शहर कर्णाटक राज्य में स्थित है। जो कि 18 वीं शताब्दी के विख्यात हिंदू संप्रदाय
लिंगायत के धार्मिक गुरु एवं दार्शनिक
श्री शरण बसवेश्वर को समर्पित है। मंदिर बसवेश्वर को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने निस्वार्थ और अथक रूप से किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करके समाज के उत्थान की दिशा में काम किया यानी अपना जीवन दसोहा और कयाक को समर्पित कर दिया।
गुलबर्गा अथवा गुलबर्ग शहर को आधिकारिक तौर पर कलबुरगी ही कहा जाता है।
मंदिर के शिखर का ऊपरी भाग सुनहरे रंग से सुशोभित है। मंदिर के निकट अपपाना झील पर्यटकों को और भी आकर्षित करती है। मंदिर परिसर में कार पार्किंग की उचित व्यवस्था है।
शरण बसवेश्वर मंदिर का महत्व
मान्यता है की भक्त मंदिर में आशीर्वाद लेने और अच्छी शिक्षा प्राप्त करने आदि अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए शरण बसवेश्वर मंदिर आते हैं।
शरण बसवेश्वर मंदिर की इतिहास और वास्तुकला:
मंदिर के केंद्र में
शरण बसवेश्वर की समाधि है जिसे गर्भ गुड़ी कहा जाता है। इसके बगल में एक झील भी है जो कई भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करती है।
मंदिर का निर्माण लगभग दो शताब्दी पूर्व हुआ था। कई स्तंभों और मेहराबों से सुसज्जित, 12वीं शताब्दी के मंदिर में हाथियों, गरुड़, फूलों और तोतों की उत्कृष्ट नक्काशी है। अन्य मुख्य आकर्षण में दीवारों पर विभिन्न कलाकारों द्वारा बसवेश्वर का चित्रण, मोर की नक्काशी, नाग की मूर्तियां और कांच के दर्पणों से सजाए गए इंटीरियर, सोने और निज़ामी शैली के झूमर शामिल हैं। मंदिर मुगल और साथ ही हिंदू वास्तुकला का मिश्रण है।
शरण बसवेश्वर मंदिर का वार्षिक उत्सव
⦿ भारत और विदेशों के भक्त, ऐतिहासिक वार्षिक उत्सव को देखने के लिए मंदिर परिसर में एकत्रित होते हैं।
⦿ भक्तों को इस मौके पर संत द्वारा इस्तेमाल की गई चांदी की थाली (प्रसाद बटाला) की भी एक झलक देखने को मिलती है।
⦿ प्रसाद बटाला के साथ, भक्तों को चंदन में बने और शरणभास्वेश्वर द्वारा इस्तेमाल किए गए लिंग सज्जिक (लिंग को धारण करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला आवरण) देखने का मौका मिलती है।
⦿ लोग, विशेष रूप से क्षेत्र के किसान, मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को मुफ्त भोजन प्रदान करने के लिए अपनी फसल का एक हिस्सा मंदिर को दान करने की प्रथा जारी रखते हैं।
कैसे पहुंचें शरण बसवेश्वर मंदिर
गुलबर्गा बैंगलोर से लगभग 574 किमी दूर है। गुलबर्गा से शरण बसवेश्वर मंदिर टैक्सी या ऑटो रिक्शा के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। रेल द्वारा बैंगलोर से गुलबर्गा तक सीधी ट्रेन में 10 घंटे की यात्रा गुलबर्गा पहुंचने का एक व्यवहार्य तरीका है।
यहाँ से 3 किलो मीटर दूर कलबुरगी में ही श्री हनुमान जी की विशाल मूर्ति के साथ
श्री कोरंती हनुमान मंदिर स्थित है।
प्रचलित नाम: शरण बसवेश्वर टेम्पल
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