सास बहू मंदिर - Sas Bahu Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ मंदिर का वास्तविक नाम सहस्त्रबाहु मंदिर है।
◉ मंदिर का सास बहू मंदिर नाम जन प्रचलित नाम है।
◉ फोटोग्राफ़ी, ऐतिहासिक, वास्तुकला, पुरातत्व एवं ग्वालियर शहर व्यू के लिए अच्छी जगह।
सास बहू का मंदिर ग्वालियर किले के पूर्व कोने में दो मंदिरों का समूह है, तथा सास बहू मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। शाब्दिक अर्थ भी सास और बहू के मंदिर के रूप में सामान्य रूप से बड़ा व छोटा मंदिर से लिया जाता है। मंदिर के नाम की उत्पत्ति सहस्त्रबाहु नाम से संभावित है जिसका अर्थ हजार भुजाओं से है। बाद में यह सास बहू नाम से जाना जाने लगा।

सास बहू मंदिर किसने बनवाया था?
पुरातत्व वैभव एवं गौरवपूर्ण परंपराओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण कच्छपघात शासकों द्वारा कराया गया था। मंदिर का निर्माण राजारत्न पाल द्वारा प्रारंभ किया गया था जोकि राजा महिपाल के शासनकाल 1093 ईसवी में पूर्ण हुआ था।

सास बहू मंदिर की वास्तुकला
पूर्ण रूप से विकसित मंदिर का निर्माण पंक्ति वक्त रूप से उत्तर दक्षिण दिशा में हुआ जिसमें गर्भगृह अंतराल महा मंडप तथा अर्ध मंडप दक्षिण से उत्तर की ओर हैं। समृद्ध नक्काशीदार स्तंभ तथा केंद्रीय सभागार की छत तीन ओर से ड्योढ़ी द्वारा घिरे हुए है तथा बाह्य दीवारें ज्यामितीय, पुष्पाकृतियों, पशु पक्षियों, गज, नर्तक, संगीतकार और कृष्ण लीला के सुंदर दृश्यों से परिपूर्ण है। छोटे मंदिर की बाह्य दीवारें भी इसी प्रकार चित्रित हैं। इस मंदिर में एक लघु केंद्रीय सभागार प्रकोष्ठ भी है।

बड़े मंदिर के मुख्यमंडप में लगे प्रस्तर अभिलेख से मंदिर के निर्माण धार्मिक समुदाय, धार्मिक समुदाय, धार्मिक कर्मकांड एवं मंदिर के राजस्व के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

सास बहू मंदिर कहाँ है?
सास बहू मंदिर मध्य प्रदेश में ग्वालियर शहर की ऊँची पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध ग्वालियर किले के परिसर में है।

मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के गाइड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मंदिर परिसर के बाहर पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। यह मंदिर फोटोग्राफ़ी, ऐतिहासिक, वास्तुकला, पुरातत्व एवं ग्वालियर शहर व्यू के लिए बहुत अच्छी जगह है।

यह मंदिर राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक के अंतर्गत आता है। मंदिर के गर्भगृह मे किसी भी प्रकार की पूजा नहीं की जाती है, अतः मंदिर मे कोई भी पुजारी अथवा महंत नियुक्त नहीं है। मंदिर में कार्यरत सभी व्यक्ति सरकारी नियमित कर्मचारी ही हैं। सास बहू मंदिर में प्रवेश अन्य मंदिरों की तरह शुल्कहीन नहीं है, इस मंदिर मे प्रवेश के लिए शुल्क तेली के मंदिर के साथ साझा होती है।
प्रचलित नाम: हस्रबाहु मंदिर, सास बहू मंदिर ग्वालियर
Sas Bahu Mandir - Read In English
The actual name of the temple is Sahastrabahu Temple. The Saas Bahu Mandir name is the popular name of the temple. Famous place for photography, historical, architecture, archeology and Gwalior city view.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
सूर्योदय से सूर्यास्त तक।
बुनियादी सेवाएं
Drinking Water, Power Backup, Washrooms, CCTV Security, Sitting Benches
संस्थापक
राजारत्न पाल / राजा महिपाल
स्थापना
1093 ईसवी
देख-रेख संस्था
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
समर्पित
भगवान विष्णु

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Fort Campus, Near Post Office Gwalior Madhya Pradesh
मेट्रो 🚇
सड़क/मार्ग 🚗
Shabd Pratap Ashram Road >> Urvai Gate Gwalior Fort
रेलवे 🚉
Gwalior
हवा मार्ग ✈
Gwalior Airport, Pandit Deen Dayal Upadhyay Airport Agra
नदी ⛵
Morar
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
26.223621°N, 78.170157°E

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

सास बहू मंदिर

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सास बहू मंदिर गूगल के मानचित्र पर

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Updated: Jul 19, 2022 16:38 PM

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