श्री रामेश्वर मंदिर छह मंदिरों का एक समूह है, सभी मंदिर के नाम क्रमशः श्री दशरथ के चार पुत्रों एवं श्री राम के दो पुत्रों के नाम से स्थापित हैं। मंदिर को रामेश्वर के नाम से जाना जाता है क्योंकि, इसे भगवान श्री राम ने भगवान शिव के लिए स्थापित किया था।
श्री रामेश्वर मंदिर भुवनेश्वर के प्राचीनतम मंदिरों मे से एक है, यह मंदिर को प्रभु लिंगराज की मौसी माँ मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह
लिंगराज मंदिर से दो किमी की दूरी पर स्थित है।
मंदिर परिसर में, अति दुर्लभ भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय नाग फूल
मौसीमाँ कुंड के निकट देखे जा सकते हैं।
नाग फूल के इस पेड़ को
नाग केसर के नाम से जाना जाता है।
महा शिवरात्रि, मकर संक्रांति, कार्तिक पूर्णिमा एवं दिवाली मंदिर में मनाया जाने वाले प्रमुख त्यौहार है। श्री जगन्नाथ ऱथ यात्रा के समान ही, प्रभु लिंगराजा परंपरागत रूप से एक बड़े रथ पर सवार होकर रामेश्वर मंदिर में आते हैं, जिसे रुकना रथ यात्रा भी कहा जाता है। यह यात्रा चैत्र महीने की राम नवमी से चार दिन पूर्व अशोकष्टमी के दौरान चार दिनों तक की जाती है।
प्रचलित नाम: मौसी माँ मंदिर
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Prasad Shop, Sitting Benches, CCTV Security, Solor Panel, Washroom, Garden