पूर्णागिरी मंदिर - Purnagiri Temple

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ मां पूर्णागिरि मंदिर को शक्तिपीठ माना जाता है, इस स्थान पर मां सती की `नाभि` गिरी थी।
◉ पूर्णागिरि मंदिर को महाकाली पीठ भी माना जाता है।
◉ पूर्णागिरि मंदिर में मार्च अप्रैल माह में चैत्र नवरात्रि के दौरान पूर्णागिरि मेले का आयोजन किया जाता है।
माँ पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर शारदा नदी के पास स्थित है। मंदिर देवी माँ पूर्णेश्वरी को समर्पित है। यह मंदिर एक शक्तिपीठ माना जाता है और 108 सिद्धपीठों में से एक है माँ पूर्णागिरि मंदिर को पुण्यगिरि के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर अपने चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है।

पूर्णागिरि मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
इतिहास के अनुसार माँ पूर्णागिरि मंदिर उन 51 शक्तिपीठ में से एक शक्तिपीठ माना जाता है, इस स्थान पर मां सती की `नाभि` गिरी थी। पूर्णागिरि मंदिर को महाकाली पीठ भी माना जाता है। पूर्णागिरि मंदिर में 500 सीढ़ियाँ का रास्ता है। ऊपर से नेपाल सीमा की झलकदीखता है। इस स्थान पर एक दिन में जाया जा सकता है क्योंकि ट्रेक में लगभग 3-4 घंटे लगते हैं और मंदिर से लौटने में 1-2 घंटे लगते हैं।

इस मंदिर से जुड़ी कुछ रहस्यमयी पौराणिक कथाएं:
पूर्णागिरि मंदिर से लौटते समय एक मंदिर आता है जिसे झूठा मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि एक व्यापारी ने माँ पूर्णागिरि से वादा किया था कि अगर उसकी पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी हो गई तो वह सोने की वेदी बनवाएगा। देवी ने उनकी इच्छा पूरी कर दी। व्यापारी पर लालच हावी हो गया और उसने सोने की परत चढ़ाकर तांबे की एक वेदी बनवाई। जब वेदी को ऊपर उठाया जा रहा था, तो उसे जमीन पर रखा गया और उसे ले जाने वाले लोग आराम कर रहे थे। जब उन्होंने उसे दोबारा उठाने की कोशिश की तो वह नहीं हिला। व्यापारी ने देवी की नाराजगी को समझा, क्षमा मांगी और उस वेदी पर एक मंदिर बनवाया।

पूर्णागिरि मंदिर जाने से पहले भैरों बाबा के दर्शन अवश्य करें
मल्लिकागिरि, कालिकागिरि और हमला चोटियों से घिरा पूर्णागिरि मंदिर। पूर्णागिरि मंदिर के लिए निकलते समय भक्त भैरों बाबा के दर्शन करना अनिवार्य मानते हैं। यह भैरों बाबा ही हैं जो आगे बढ़ने की सहमति देते हैं।

पूर्णागिरि मंदिर दर्शन का समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और भक्त सर्दियों में सुबह 5:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक और गर्मियों में सुबह 5:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।

पूर्णागिरि मंदिर में प्रमुख त्यौहार
पूर्णागिरि मंदिर में चैत्र नवरात्रि, नवरात्रि, विषुवत संक्रांति और कुमाऊं प्रमुख त्योहार हैं। पूर्णागिरि मंदिर में मार्च-अप्रैल माह में चैत्र नवरात्रि के दौरान पूर्णागिरि मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि दर्शन के लिए आते हैं।

पूर्णागिरि मंदिर तक कैसे पहुँचें?
पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर की पहाड़ी पर स्थित है। यह उत्तराखंड में टनकपुर से 17 किमी दूर है। आप इस जगह पर ट्रेन या सड़क मार्ग से जा सकते हैं। टनकपुर जंक्शन से ट्रेन में उस स्थान तक पहुँचने के लिए कैब ले सकते हैं।
प्रचलित नाम: Shri Mata Purnagiri Temple, Tanakpur | Maa Purnagiri Temple | Maa Purnagiri Mandir
Purnagiri Temple - Read In English
Maa Purnagiri Temple is located in the hilly area of ​​Tanakpur in Champawat district of Uttarakhand. This temple is considered a Shaktipeeth.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
5 AM - 5 PM
त्योहार
Chaitra Navratri, Navratri, Vishuva Sankranti, Kumaon | यह भी जानें: एकादशी
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, जूता स्टोर
समर्पित
देवी दुर्गा

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Purnagiri Temple Tanakpur Uttarakhand
मेट्रो 🚇
सड़क/मार्ग 🚗
Purnagiri Temple Path
हवा मार्ग ✈
Chaudhary Charan Singh International Airport, Lucknow
नदी ⛵
Sarda
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
29.1558166°N, 80.1882196°E

क्रमवद्ध - Timeline

5 AM - 5 PM

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Sarda River

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Updated: Dec 14, 2023 17:46 PM