पटन देवी , जिसे माँ पटनेश्वरी भी कहा जाता है, पटना, बिहार का सबसे पुराना और सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। यह मंदिर मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को समर्पित है।
पाटन देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि मां सती की दाहिनी जांघ और पट तथा वस्त्र मगध में गिरे थे, जिसे पटना के महाराजगंज और चौक क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है। इसलिए इन क्षेत्रों में बड़ी पटन देवी और छोटी पटन देवी के दो अलग-अलग मंदिर बनाए गए हैं, जिन्हें मां सर्वंदकारी पटनेश्वरी भी कहा जाता है। बिहार की राजधानी पटना का नाम पटन देवी मंदिर के नाम पर रखा गया है।
पाटन देवी मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब मां सती के शरीर का हिस्सा यहां गिरा, तो तीन देवियां-महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती अस्तित्व में आईं, जिनकी मूर्तियां पाटन देवी मंदिर में रखी गई हैं।
एक और मान्यता यह है कि 'पाटन' नाम सती के पाटा से लिया गया है, जो यहां गिरे थे और मंदिरों का नाम बड़ी पाटन देवी और छोटी पाटन देवी रखा गया था।
इस मंदिर का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां शक्तियों के तीनों रूप महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली पत्थर की मूर्तियों के रूप में मौजूद हैं।
गर्भगृह के अंदर, देवी की काले पत्थर की मूर्तियाँ एक सिंहासन पर खड़ी मुद्रा में स्थापित हैं। उनकी पोशाक साड़ी और मुकुट है। देवताओं के साथ व्योम भैरव भी हैं जिन्हें शिव का अंश कहा जाता है। गर्भगृह के ठीक सामने एक बड़ा हवन कुंड (4-5 फीट गहरा)। एक बड़ा बरामदा गर्भगृह के सामने की जगह को कवर करता है और हवन कुंड इस बरामदे के निकास द्वार के सामने स्थित है।
माना जाता है कि यह मंदिर महान राजा मनु की पौराणिक कहानी से भी जुड़ा है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पटना शहर का निर्माण किया और देवी के सम्मान में मंदिर की स्थापना की। मंदिर में सदियों से कई नवीकरण और मरम्मत का काम हुआ है, जिसमें सबसे हालिया प्रमुख नवीकरण 20वीं सदी की शुरुआत में हुआ है।
पाटन देवी मंदिर दर्शन का समय:
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है। भक्त सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।
पाटन देवी मंदिर में प्रमुख त्यौहार:
नवरात्रि इस मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय दुर्गा पूजा और नवरात्रि के त्योहारों के दौरान है। मेले के दौरान सप्तमी, अष्टमी और नवमी (दुर्गा पूजा) पर प्रतिदिन लगभग 1000 लोग दोनों मंदिरों में पूजा करने आते हैं। यह मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा का एक शक्तिशाली केंद्र माना जाता है और माना जाता है कि इसमें सच्चे दिल से प्रार्थना करने वाले भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति है।
पाटन देवी मंदिर कैसे पहुँचें?
पटन देवी मंदिर बिहार के पटना में स्थित है। इस स्थान तक पटना बस स्टेशन से आसानी से पहुंचा जा सकता है और यह लगभग लगभग है। पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन से 10 किमी. है ताकि श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकें और दर्शन प्राप्त कर सकें।
प्रचलित नाम: पटन देवी मंदिर, माँ पटनेश्वरी