रामायण में, भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास काल खंड के प्रसंग में
पंचवटी का नाम अत्यधिक प्रचलित है। मान्यताओं के अनुसार माता सीता, भगवान राम एवं लक्ष्मण के साथ इस स्थान पर बहुत समय तक रुकीं थीं। गोदावरी नदी के किनारे स्थित, सम्पूर्ण पंचवटी लगभग 5 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। पंचवटी का शाब्दिक अर्थ है, पाँच बरगद के पेड़ (वट वृक्ष) से घिरा क्षेत्र।
वर्तमान काल खंड के अनुसार यहाँ पंचवटी का अभिप्राय
सीता गुफा तथा आसपास संख्याओं के साथ चिह्नित पांच प्राचीन बरगद वृक्ष से हैं। सीता गुफा मंदिर ज्यादा बड़ा तो नहीं, परंतु यह माता सीता की तपो स्थली होने के कारण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण स्थान है।
गुफा के अंदर जाने के लिए नीचे झुक कर जाना होता है। इसलिए ज्यादातर लोग कदम पर बैठते हुए गुफा में प्रवेश करते हैं। आगे चलकर गुफा और भी छोटी होती जाती है। गुफा के अंदर भगवान राम, लक्ष्मण और माँ सीता की मूर्तियां हैं। फोटोग्राफी को परिसर के अंदर प्रतिबंधित रखा गया है। सीता गुफा के ही सामने गौशाला का भी निर्माण किया गया है।
प्रचलित नाम: सीता गुफा