पंचमुखी हनुमान मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है। `पंचमुखी` शब्द का शाब्दिक अर्थ है, `पाँच मुख वाले`, जोकि मंदिर में स्थापित भगवान हनुमान के पाँच अलग-अलग चेहरों के साथ विग्रह में देखा जा सकता है। प्रत्येक चेहरा भक्ति, शक्ति, ज्ञान, साहस और धार्मिकता जैसे अलग-अलग गुणों को दर्शाता है। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की पूजा करने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा, सफलता और आंतरिक ऊर्जा की बृद्धि का वरदान मिलता है। भगवान हनुमान के 5 प्रकट चेहरे गरुड़, भगवान नरसिम्हा, भगवान हयग्रीव और अंजनेय हैं। यह मंदिर पंचमुखी अंजनेय स्वामी कोइल के नाम से भी प्रसिद्ध है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम का इतिहास और वास्तुकला
पंचमुखी हनुमान मंदिर में देवता को एक ही पत्थर से बनाया गया है और कहा जाता है कि इसकी ऊंचाई 18 फीट से अधिक है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक दक्षिण भारतीय मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है, जिसमें बारीक जटिल नक्काशी, आकर्षक रंगों वाले चित्र तथा हिंदू पौराणिक कथाओं के विभिन्न प्रसंगों को विस्तृत जीवंत मूर्तियां शामिल हैं।
मंदिर का सबसे दिलचस्प हिस्सा तैरती हुई चट्टानें हैं। ये 25-50 किलो के बड़े भारी पत्थर होते हैं जो इतने छिद्रपूर्ण होते हैं कि तैरते रहते हैं। आप उन्हें छू सकते हैं और तैरते हुए महसूस कर सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वानर सेना में शामिल विश्वकर्मा के पुत्र नलन और नीलन ने पत्थरों को छूकर उन्हें तैराया, ताकि रामसेतु का निर्माण हो सके।
माना जाता है कि रामेश्वरम पंचमुखी हनुमान मंदिर पहले धनुषकोडी में स्थित था, लेकिन 1964 के चक्रवात के बाद मूल मंदिर के नष्ट हो जाने के बाद मूर्ति को मुख्य भूमि रामेश्वरम में लाया गया था। कुछ लोगों का मानना है कि पंचमुखी हनुमान मंदिर में हनुमान देवता 700 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
पौराणिक कहानी के अनुसार भगवान राम और देवी सीता का अपहरण करने वाले राक्षस रावण के बीच युद्ध के दौरान, रावण ने अहिरावण से मदद मांगी थी, जो पाताल लोक का राजा था। हालाँकि, भगवान हनुमान ने, भगवान राम और लक्ष्मण की रक्षा के लिए, अपनी पूंछ से उनके चारों ओर एक विशाल किला बनाया था। भगवान के पांच रूप उत्तर, दक्षिण, पूर्व और आकाश की ओर भव्य रूप से दिखाई देते हैं। पौराणिक रूपों को क्रमशः वराह, नरसिम्हा, गरुड़, हनुमान और हयग्रीव नाम दिया गया है। पूर्ण अवतार को सामूहिक रूप से पवित्र 'पंचमुखी अवतार' के रूप में जाना जाता है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम का दर्शन समय
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम पूरे सप्ताह खुला रहता है और मंदिर दर्शन का समय सुबह 6 बजे से शाम 6:30 बजे तक है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम का प्रमुख त्यौहार
हनुमान जयंती और राम नवमी पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम में प्रमुख त्योहार हैं। ये सभी पौराणिक आकर्षण इस पवित्र स्थल को भगवान हनुमान और भगवान राम के भक्तों द्वारा समान रूप से देखने के लिए एक बहुत लोकप्रिय स्थान है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम कैसे पहुंचें
पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम, श्री रामनाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से यह सिर्फ 3 किमी दूर है।
प्रचलित नाम: पंचमुखी अंजनेय स्वामी कोइल