बाबा वैद्यनाथ की नगरी में अपनी सुंदरता एवं वास्तुकला का अनूठा संगम
नौलखा मंदिर देवघर के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
सभी ने नौलखा हार के बारे में सुना होगा, परंतु मंदिर का यह नाम कैसे पड़ा इसके पीछे एक रोचक इतिहास है। भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप को समर्पित यह मंदिर नौ-लाख रुपये की लागत से बना अतः यह मंदिर जनमानस के बीच नौलखा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
मंदिर में विग्रह स्वरूप भगवान श्री कृष्ण बाल रूप में विराजमान हैं, साथ ही साथ संत बालानंद ब्रह्मचारी जी की एक मूर्ति भी स्थापित है। अतः मंदिर का वास्तविक नाम गुरु और गोविंद के स्वरूप को समर्पित
जुगल मंदिर है।
नौलखा मंदिर की ऊंचाई 146 फीट है। मंदिर झारखंड के देवघर शहर से सिर्फ 2 किमी दूर स्थित है तथा अपनी स्थापत्य कला की सुंदरता के लिए भक्तों एवं पर्यटकों दोनों के ही बीच अत्यधिक प्रसिद्ध है। मंदिर की वास्तुकला कोलकाता में
बेलूर मठ अर्थात रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय से प्रेरित जान पड़ती है।
प्रचलित नाम: जुगल मंदिर, नौलखा मंदिर देवघर, नौलक्खा मंदिर