नलहर महादेव मंदिर जिसे
नल्हड़ेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, नूंह शहर से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका और नल्हड़ गांव गहबर में स्थित है।
इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने कौरवों और पांडवों के बीच समझौता कराने के लिए इस स्थान को चुना था। यह प्राचीन एवं अद्भुत मंदिर अरावली पर्वत की गोद में स्थित है। इस मंदिर को देखने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं।
नल्हरेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य और इतिहास:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने कौरवों और पांडवों के बीच समझौता कराने के लिए इस स्थान को चुना था।
ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण जहां भी कदम रखते हैं, वहां अक्सर कदम का पेड़ पाया जाता है। कदम के पेड़ से जहां पानी निकलता है वहां तक जाने के लिए 287 सीढ़ियां बनाई गई हैं।
मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां एक पेड़ है, जिससे हर समय पानी निकलता रहता है। इस पेड़ का नाम कदम वृक्ष है जो मंदिर से 500 फीट से अधिक ऊंचाई पर मौजूद है। इस कदम के पेड़ से सदियों से लगातार मीठा पानी बहता रहता है। कहा जाता है कि इस पेड़ के नीचे कुंडली है, मान्यता है कि मोटर या नली से पानी निकालने के अलावा अगर किसी बर्तन से भी पानी निकाला जाए तो भी उसकी मात्रा कम नहीं होती है।
नल्हरेश्वर महादेव मंदिर देखने में बहुत ही मनमोहक और सुंदर लगता है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान कुछ समय इस अरावली पर्वत पर बिताया था और यही कारण है कि नूंह जिले के भोंड, फिरोजपुर झिरका और नल्हड़ गांवों में लगभग 5000 साल पुराने शिवलिंग पाए गए थे, जिनका हिंदू समाज ने एक भव्य शिवालय बनवाया था।
नल्हरेश्वर महादेव मंदिर के प्रसिद्ध त्यौहार:
नल्हरेश्वर महादेव के मंदिर पर न केवल
महाशिवरात्रि का भव्य मेला लगता है, बल्कि शिवभक्त यहां कावड़ भी चढ़ाते हैं। यहां साल में कई भंडारे आयोजित किये जाते हैं।
नल्हरेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे?
नल्हरेश्वर महादेव का मंदिर नूंह शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। नूंह शहर अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और भक्त आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
प्रचलित नाम: Nalhar Mahadev Mandir, Nalhareshwar Mahadev Mandir