नागेश्वर ज्योतिर्लिंग - Nageshwar Jyotirlinga

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ बारह के बीच में गुजरात का दूसरा आदी ज्योतिर्लिंग।
◉ भगवान शिब की बड़ी ध्यान मुद्रा मूर्ति।
◉ दर्शन का समय शाम 6 बजे से 12:30 बजे, शाम 5:30 बजे तक।
श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग नागों के ईश्वर रूप में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह गुजरात के द्वारका धाम से 17 किलोमीटर बाहरी क्षेत्र की ओर स्थित है। यह रुद्र संहिता में इन भगवान को दारुकावने नागेशं कहा गया है। शास्त्रों में इनकी उत्पत्ति की कथा सुनने की बड़ी महिमा बताई गई है। जो शिव भक्त श्रद्धापूर्वक कथा सुनता है वह पापों से मुक्ति पाकर, दिव्य शिवलोक को गमन करता है।

नागेश्वर शब्द का अर्थ है, नागों के भगवान। नाग जो कि हमेशा भगवान शिव की गर्दन के चारों ओर कुंडली मारे पाए जाते है। इसलिए यह मंदिर विष और विष से संबंधित रोगों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। नागेश्वर शिवलिंग गोल काले पत्थर वाले द्वारका शिला से त्रि-मुखी रूद्राक्ष रूप में स्थापित है, शिवलिंग के साथ देवी पार्वती की भी उपासना की जा सकती है। मंदिर का पौराणिक महत्व माना जाता है कि भगवान कृष्ण रुद्राभिषेक के द्वारा भगवान शिव की आराधना करते थे। और बाद में आदि गुरु शंकराचार्य ने कलिका पीठ पर अपने पश्चिमी मठ की स्थापना की।

यह स्थान गोमती द्वारका से बेट द्वारका जाते रास्ते में ही स्थित है। द्वारका से सुवह 7:30 रुक्मिणी मंदिर, गोपी तालाब और बेट द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर को गुमाने वाली लोकल टूरिस्ट बस नागेश्वर मंदिर से भी होकर जातीं हैं। विद्वानों की राय इस ज्योतिर्लिंग के लिए भिन्न-भिन्न है, अतः भारत में आंध्र प्रदेश के पूर्णा के निकट और उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा के निकट जागेश्वर शिवलिंग को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग माना जाता रहा है।

वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारुकावने।

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा
दारूका नाम की एक प्रसिद्ध राक्षसी थी, जो पार्वती जी से वरदान प्राप्त कर अहंकार में चूर रहती थी। उसका पति दरुका महान् बलशाली राक्षस था। उसने बहुत से राक्षसों को अपने साथ लेकर समाज में आतंक फैलाया हुआ था। वह यज्ञ आदि शुभ कर्मों को नष्ट करता हुआ सन्त-महात्माओं का संहार करता था। वह प्रसिद्ध धर्मनाशक राक्षस था। पश्चिम समुद्र के किनारे सभी प्रकार की सम्पदाओं से भरपूर सोलह योजन विस्तार पर उसका एक वन था, जिसमें वह निवास करता था। कथा को विस्तार मे पढ़ने के लिए क्लिक करें
प्रचलित नाम: श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर
Nageshwar Jyotirlinga - Read In English
Shri Nageshwar Jyotirlinga the Gods of Nagas, one of the twelve Jyotirlingas of Lord Shiva in India. It is said in the Rudra Sanhita that this form of Shiv have been referred as Darulawane Nagesh.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
6:00 AM - 12:30 PM, 5:00 - 9:30 PM
मंत्र
जय नागेश्वर॥
त्योहार
Shivaratri, Shravan, Golokdham Utsav, Diwali|Kartik Purnima Fair, Somnath Sthapana Divas | यह भी जानें: एकादशी
धाम
Shivling with GanShri Tripur Sundari MaaShri GaneshShri Kashtabhanjan HanumanMaa TulsiPeepal Tree
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Drinking Water, Wheel Chairs, Lift, Shoe Store, Cloak Room, Guest Houses, Bhojanalay, Sitting Benches
धर्मार्थ सेवाएं
Sagar Darshan Atithigruh, Lilavati Atithigruh, Maheshwari Samaj Atithi Gruh, Tanna Atithigruh, Dharmashala, Sanskritik Bhavan, Swastik Plaza
संस्थापक
सुप्रिय
स्थापना
सतयुग
समर्पित
भगवान शिव
वास्तुकला
चालुक्य शैली
फोटोग्राफी
🚫 नहीं (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Daarukavanam Dwarka Gujarat
मेट्रो 🚇
सड़क/मार्ग 🚗
Nageshwar Road
रेलवे 🚉
Dwarka
हवा मार्ग ✈
Sardar Vallabhbhai Patel International Airport, Ahmedabad
नदी ⛵
Gomati
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
22.335921°N, 69.086888°E

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

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Updated: Aug 08, 2024 22:42 PM

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