खाटू श्याम मंदिर को भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है। खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है, जहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस तीर्थ स्थल में कृष्ण और बर्बरीक पूज्य देवता हैं, जिन्हें अक्सर कुलदेवता के रूप में पूजा जाता है।
मूर्ति दुर्लभ पत्थर से बनी है। भक्तों का मानना है कि मंदिर में बर्बरीक या खाटूश्याम का सिर है, जो एक महान योद्धा थे, जिसने कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान कृष्ण के अनुरोध पर अपना सिर बलिदान कर दिया था।
श्री श्याम मंदिर की स्थापना शिलालेख के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ला 3 संवत 1777 के दिन रखी गई, फाल्गुन शुक्ला 7 संवत 1777 को
श्री श्याम जी सिंहासन में विराजमान हुए।
खाटू श्याम जी का प्रमुख पर्व:
खाटू श्याम धाम का फाल्गुन मेला काफी प्रसिद्ध है। इस मौके पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु
निशान यात्रा मे सामिल होते हुए आते हैं तथा फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (अर्थात आमलकी एकादशी) तिथि को फाल्गुन मेले का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि खाटू बाबा के इस दिन दर्शन मात्र से भक्तों के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं एवं बाबा श्याम सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
कार्तिक शुक्ल एकादशी (अर्थात प्रबोधिनी एकादशी) को श्याम बाबा का जन्मदिवस मनाया जाता है।
निकटतम अन्य दर्शनीय स्थल:
पशुपतिनाथ मंदिर, सीता कुंड, करणी माता रींगस रोड, शीशम हनुमान जी, खंडेला दरबार प्राचीन महल फव्वारे, सीताराम मंदिर (
रामद्वारा), प्राचीन शिव मंदिर, मंगल दास जी एवं गणेश दास जी की प्राचीन समाधि, खटवांग राजा का महल
प्रचलित नाम: श्री श्याम मंदिर, खाटू मंदिर
बुनियादी सेवाएं
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