बीकानेर के प्रसिद्ध करणी माता मंदिर से प्रेरित उदयपुर का यह
करणी माता मंदिर मनोकामना सिद्ध होने के कारण
श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। करणी माता को
करणीजी एवं
नारी बाई नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर में करणी माता मंदिर की स्थापना महाराणा कर्ण सिंह ने 1620 और 1628 के बीच करवाया था।
मान्यताओं के अनुसार दिन में दो बार इस मंदिर के दर्शन अत्यधिक शुभ माने जाते हैं। अर्थात यदि आप सुबह एवं शाम दोनों ही समय मंदिर के दर्शन करते हैं, तो करणी माता स्वयं आपकी आकांक्षाओं और इच्छाओं को पूरा करती हैं।
करणी माता को राजस्थान के राजा-महाराजाओं की कुल माता माना जाता है, प्रत्येक महाराज युद्ध में प्रस्थान से पहले माँ करणी का आशीर्वाद अवश्य ही लेते थे।
पहाड़ की तलहटी में स्थित विश्व प्रसिद्ध पिछोला झील से सटी हुई दूध तलाई के निकट
म्यूज़िकल फाउंटन,
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क, मंदिर की
पार्किंग, रेस्टोरेंट्स, प्रसाद शॉप एवं
रोपवे टिकिट काउंटर देखा जा सकता है। यहाँ से उड़नखटोले(रोपवे) द्वारा मंदिर तक बिना सीढियों के दर्शन हेतु पहुँचा जा सकता है। केबल कार(उड़नखटोले) से मंदिर पहुंचने में केवल 5-7 मिनट ही लगते हैं परंतु यात्री इस यात्रा को लेकर अत्यधिक रोमांचित दिखते हैं।
धार्मिक आस्था वाले पर्यटकों के अलावा
घुमक्कड पर्यटकों के लिये भी यह मंदिर बहुत महत्वपूर्ण है। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण मंदिर से सम्पूर्ण उदयपुर का 360 व्यू पिक्चर कॅप्चर किया जा सकता है। आस-पास झील, क़िला, रोपवे, हरियाली, कॅमरा व्यू तथा धार्मिक परिसर होने के कारण यह स्थान उदयपुर के सबसे अधिक सैलानियों के आने वाली जगहों में से एक है।
अतः अपनी उदयपुर यात्रा में इस स्थान को अवश्य ही सामिल करें।
मंदिर में ऑनलाइन यूपीई(upi) की सहायता से दान अथवा सहयोग राशि को दिया जासकता है, ऑनलाइन लेन-देन की यह सुविधा कोविड दिशानिर्देश के पालन की ओर मंदिर समित का एक महत्वपूर्ण कदम है।
इच्छुक भक्त नीचे दिये गये क्यूआर कोड(QR Code) द्वारा मंदिर में घर से ही अपनी धनराशि ट्रान्स्फर कर सकते हैं।
प्रचलित नाम: श्री मंशापूर्ण करणी माता मंदिर
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Water Cooler, Power Backup, Washrooms, Sitting Benches, Music System, Ropeway