काली मंदिर जमुई, बिहार के जमुई जिला मुख्यालय के निकट स्थित है। इस मंदिर को मलयपुर काली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर माता काली को समर्पित है। जमुई काली मंदिर एक भव्य मंदिर है और इस मंदिर की सुंदरता इतनी है कि इसे देखने वाले लोग इसे बार-बार देखना चाहते हैं।
काली मंदिर जमुई के बारे में:
मंदिर की अधिष्ठात्री देवी माता काली हैं। मंदिर का निर्माण कार्य स्थानीय निवासी अशोक सिंह ने कराया है और यह मंदिर जमुई की पहचान बन गया है। इस मंदिर में सुंदरता के साथ-साथ साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखा जाता है और यह मंदिर लोगों की धार्मिक आस्था का भी केंद्र है।
मंदिर की सफाई हर दिन सुबह 2 बजे शुरू होती है। सफाई सिर्फ मंदिर परिसर के अंदर ही नहीं बल्कि मंदिर परिसर के बाहर भी की जाती है, चारों तरफ इतनी सफाई रखी जाती है कि आसपास गंदगी का नामोनिशान तक नहीं दिखता। ग्रामीणों का कहना है कि 2 किलोमीटर के आसपास के इलाके में एक भी प्लास्टिक कचरा नजर नहीं आता। अगर इसकी खूबसूरती की बात करें तो इसे
हर साल नए रंग में रंगा जाता है और मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से भी सजाया जाता है। जिससे मंदिर की भव्यता और भी बढ़ जाती है।
काली मंदिर जमुई दर्शन का समय:
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है।
भक्त सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम भव्य आरती की जाती है। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटते हैं और देवी काली की पूजा करते हैं।
हर साल काली पूजा के दौरान मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें लाखों लोग जुटते हैं और देवी काली की पूजा करते हैं। इसके अलावा साल भर
हर मंगलवार और शनिवार को भक्त यहां माता काली की पूजा करने आते हैं।
काली मंदिर जमुई कैसे पहुँचें?
काली मंदिर जमुई सड़क मार्ग से अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और यह जमुई रेलवे स्टेशन के बहुत करीब है। जिससे कोई भी व्यक्ति मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
प्रचलित नाम: Kali Mandir Jamui, Malaypur Kali Mandir
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, पीने के पानी की सुविधा, पार्किंग क्षेत्र