जटाशंकर - Jatashankar

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ जटाशंकर एक प्राकृतिक भगवान शिव को समर्पित प्राचीन गुफा मंदिर है।
◉ जटाशंकर धाम में प्राकृतिक रूप से भगवान शिव का जलाभिषेक 24 घंटे चलता रहता है।
◉ पहाड़ी पर बनी गुफा ऐसी है कि चाहे कितनी भी बारिश हो पानी गुफा के अंदर नहीं घुसता।
जटाशंकर एक प्राकृतिक गुफा और हिंदू मंदिर है जो भारत के मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में पचमढ़ी के उत्तर में स्थित है। जटाशंकर एक गहरी घाटी में स्थित है जिसके ऊपर विशाल चट्टानें हैं। गुफा में स्टैलेग्माइट्स हैं जिन्हें प्राकृतिक रूप से बने लिंग के रूप में पूजा जाता है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है और तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। जटाशंकर को गुफा मंदिर भी कहा जाता है। जटाशंकर धाम में भगवान शिव का 24 घंटे प्राकृतिक रूप से अवनरत जलाभिषेक होते रहता है।

जटाशंकर का इतिहास और वास्तुकला
ऐसा माना जाता है कि जटाशंकर मंदिर 5,000 वर्ष से अधिक पुराना है और इसका निर्माण गुप्त काल के दौरान किया गया था। मंदिर के अंदर भगवान शिव की मुख्य मूर्ति काले संगमरमर से बनी है, जो इसे एक अद्वितीय और उत्तम स्वरूप प्रदान करती है। जटा का अर्थ है उलझे हुए बाल और शंकर शिव का दूसरा नाम है। इलाके में पाए जाने वाले झरनों से पानी भरने वाले दो तालाब हैं, एक ठंडे पानी का और दूसरा गर्म पानी का। ऐसा कहा जाता है कि गुफा की संरचना सौ सिर वाले शेष, विष्णु के सर्प-आरोहण से मिलती जुलती है। पहाडों में बने प्राकृतिक रूप से गणपति जी, हनुमान जी, शैर की मुखाकृति आपको देखने को मिलेगी।

पचमढ़ी के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों जैसे नागद्वार और चौरागढ़ की तुलना में मंदिर तक पहुंचना आसान है। बारिश में मंदिर के अलावा एक छोटा सा तालाब बन जाता है, लोग वहां पवित्र स्नान करते हैं। बताया जाता है कि पहले यहां ऋषि मुनि रहा करते थे। वर्तमान में महंत शिवदास भोलेनाथ की सेवा कर रहे है। पहाड़ी की गुफा ऐसी है कि कितनी भी बारिश हो, पानी गुफा के भीतर प्रवेश नहीं करता है।

क्षेत्रीय परंपरा के अनुसार, जटाशंकर गुफाओं को उस स्थान से पहचाने जाने के कारण पवित्र माना जाता है, जहां कहा जाता है कि शिव ने भस्मासुर के प्रकोप से खुद को छुपाया था। गुफा के अंदर लगभग 52 हाथ अंदर घुटने और कोहनियों के बल पर चलकर भगवान भोलेनाथ का दर्शन होता है। प्राचीन शिव मंदिर तक पहुंचने के लिए सिर्फ पैदल जाने मार्ग ही है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर का नाम जटाशंकर पडऩे के पीछे शिव की प्राचीन शिवलिंग में जटाओं जैसी आकृति दिखाई पड़ती है।

जटाशंकर का दर्शन समय
जटाशंकर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक है।

जटाशंकर में प्रमुख उत्सव
जटाशंकर में महादेव मेला हर साल महा शिवरात्रि के अवसर पर आयोजित किया जाता है। जटाशंकर धाम में मकर संक्रांति पर तीन दिवसीय मेला लगता है। सावन महीने में भक्तगण बीहड़ जंगल के बीच जटाशंकर धाम में प्राकृतिक रूप से विराजित भगवान भोलेनाथ का दर्शन व आराधना करने पहुँचते हैं।

जटाशंकर कैसे पहुंचे
जटाशंकर मध्य प्रदेश के पचमढ़ी बस स्टेशन से 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है। पचमढ़ी के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों जैसे नागद्वार और चौरागढ़ की तुलना में मंदिर तक पहुंचना आसान है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना होगा और फिर लगभग 250 सीढ़ियाँ चढ़नी होंगी। यह पचमढ़ी में घूमने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से एक है।

व्यक्तिगत अनुभव

❀ सीढ़ियाँ संख्या में बहुत अधिक हैं और कुछ कदमों पर खड़ी भी हैं, लेकिन आपको चारों ओर सुंदर पहाड़ और शांति का अनुभव होता है। यहां पौराणिक कथाएं और इतिहास एक साथ मिलते हैं।

❀ बस ₹50-100 का गाइड ले लीजिए। और वह हर बात गहराई से समझाएगा। यहां बहुत सारी छुपी हुई संरचनाएं हैं जिन पर आप खुद गौर नहीं कर सकते। जैसे (पहाड़ पर बाघ का चेहरा, काली मां की अधूरी मूर्ति, दो पहाड़ों के बीच भारत का आधा नक्शा आदि)।

❀ यहां आपको कई रोगों की देखभाल के लिए हर्बल औषधियां आदि उपलब्ध हैं।
प्रचलित नाम: जटाशंकर धाम, गुफा मंदिर
Jatashankar - Read In English
Jatashankar is a natural cave and Hindu temple located north of Pachmarhi in the Narmadapuram district of Madhya Pradesh, India.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
9 AM - 7 PM
मंत्र
ओम नम शिवाय
त्योहार
Shivaratri, Sawan Ke Somwar | यह भी जानें: एकादशी
स्थापना
गुप्त काल
समर्पित
भगवान शिव

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Jatashankar Rd Pachmarhi Cantt Madhya Pradesh
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
22.4819234°N, 78.4370386°E

क्रमवद्ध - Timeline

9 AM - 7 PM

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Updated: Feb 20, 2025 18:51 PM