जगदम्बा स्थान, नरौली, करौता मंदिर बिहार का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, यह बिहार के सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक प्रतीकों में से एक है। पटना जिले के बख्तियारपुर प्रखंड के नरौली में स्थित मां जगदंबा मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी
भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है। यहां खासतौर पर निःसंतान दंपत्तियों की भीड़ रहती है। महिलाओं का मानना है कि देवी के दर्शन से उनकी सूनी गोद भर जाती है।
जगदंबा मंदिर का इतिहास
इस मंदिर में मां जगदंबा की काले पत्थर की मूर्ति है जो किसी पीपल के पेड़ से निकली हुई प्रतीत होती है। बताया जाता है कि यह मूर्ति हजारों साल पुरानी है। यहां कभी एक मंदिर था, इसे बख्तियार खिलजी ने नालन्दा विजय अभियान के दौरान ध्वस्त कर दिया था।
वर्तमान में मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी बनाये गये हैं। तालाब में स्थापित भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्तियों के साथ-साथ प्रभु सूर्य, हनुमान और भोलेनाथ के अलग-अलग मंदिर भी हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं के सहयोग से एक भव्य धर्मशाला का भी निर्माण कराया गया है।
जगदंबा मंदिर दर्शन का समय
मंदिर पूरे सप्ताह के लिए खुलता है। भक्तों को सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक दर्शन मिलते हैं।
जगदंबा मंदिर के प्रमुख त्यौहार
जगदंबा मंदिर में साल भर भक्त दर्शन और पूजा के लिए आते हैं, लेकिन
नवरात्रि के दौरान भीड़ काफी बढ़ जाती है।
मंगलवार और शनिवार को यहां मेले जैसा दृश्य देखने को मिलता है। पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। नवरात्रि के दौरान पूरा मंदिर भक्ति गीतों से गूंज उठता है।
श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना के लिए मंदिर परिसर में व्यापक व्यवस्था की गयी है। यहां महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं को अलग-अलग कतार में खड़े होकर पूजा-अर्चना करने की व्यवस्था है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
जगदंबा मंदिर तक कैसे पहुंचें?
जगदंबा मंदिर, यह मंदिर बख्तियारपुर के करौता स्टेशन से एक किमी दक्षिण और बख्तियारपुर फोरलेन से सटे नरौली गांव के दक्षिण में है। यह पटना से लगभग चालीस किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो और बस की व्यवस्था है।
प्रचलित नाम: माता जगदंबा मंदिर
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल