श्री दूधिया बाबा भैरव नाथ जी पांडवों कालीन मंदिर, बाबा भैरव नाथ जी को समर्पित है, जिन्हें भैरों तथा भैरव नाम से भी जाना जाता है। आज की भौगोलिक स्थित के अनुसार दूधिया भैरव मंदिर पुराना किला के बिल्कुल पीछे ही स्थित है। मंदिर की परिधि लगभग 500 मीटर दूर माता कुंती द्वार से ही प्रारंभ हो जाती है। दूधिया भैरव नाथ मंदिर इंद्रप्रस्थ, पुराना किला और प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के निकट है।
भैरव जयंती 2022: शनिवार - रविवार, 8-9 जनवरी 2022 बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करें। जय भैरव बाबा।
महाभारत के युद्ध से पहले भीम ने इस क्षेत्र में निवास करते हुए सिद्धियाँ प्राप्त की थी। निकटतम
श्री किलकरी बाबा भैरव नाथ जी मंदिर से बिल्कुल अलग! इस मंदिर की सबसे अद्भुत मान्यता है कि यहाँ, भक्तों द्वारा बाबा भैरव नाथ पर कच्चा (बिना पका) दूध चढ़ाया जाता हैं। कुत्तों को भगवान भैरव का वाहन माना गया है, इसलिए मंदिर परिसर में कई कुत्ते विचरण करते मिल जाएंगे।
दिल्ली में मनाई जाने वाली भैरव जयंती यहाँ का प्रमुख त्यौहार है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होने हैं। जिसके अंतर्गत दोपहर मे पंखा यात्रा, तदुपरांत शाम को विशाल भोग-भंडारे का आयोजन किया जाता है।
प्रचलित नाम: श्री दूधिया बाबा भैरव नाथ जी पांडवों कालीन मंदिर, दूधिया भैरों मंदिर प्रगती मैदान
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