ढाकेश्वरी देवी मंदिर, बांग्लादेश का राष्ट्रीय मंदिर, बांग्लादेश का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। ढाकेश्वरी देवी आदि शक्ति देवी दुर्गा का अवतार हैं। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सती के मुकुट की मणि वहीं गिरी थी। बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम देवी डाकेश्वरी (देवी दुर्गा का नाम) के नाम पर रखा गया था। बांग्लादेश के हिंदू देवी ढाकेश्वरी को ढाका की अधिष्ठात्री देवी मानते हैं और इस प्रकार वे ढाकेश्वरी मंदिर में आदि शक्ति की पूजा करते हैं।
ढाकेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
यह मंदिर बांग्लादेश की सांस्कृतिक विरासत का एक अविभाज्य हिस्सा है। ढाकेश्वरी मंदिर एक दिव्य कृति है, जहां इतिहास, आध्यात्मिकता और सुंदरता का संगम होता है। ढाकेश्वरी मंदिर में वर्तमान पीठासीन देवता मूल मूर्ति की प्रतिकृति है। देवी दशो वुजा (दस हाथ वाले) हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी का प्रतिनिधित्व सोने से बना है। इस मंदिर परिसर के अंदर शिव मंदिर, मनसा मंदिर, दुर्गा मंदिर और काली मंदिर भी स्थित हैं।
मंदिर की स्थापना 12वीं शताब्दी में बल्लाल सेन नाम के एक हिंदू राजा ने की थी, जो जंगल के एक विशेष हिस्से में दबी हुई देवी दुर्गा की मूर्ति को देखने के बाद मंदिर बनाने के लिए प्रेरित हुए थे।
यह मंदिर पंचरत्नो था, इसके सामने नटमंदिर था और इसके चारों ओर कमरों की एक पंक्ति और एक बड़ा तालाब और नाहोबोटोला द्वार था जिसके माध्यम से हाथी गुजरते थे। पूर्व में कुछ संतों की कब्रें हैं जो मंदिर में प्रार्थना या ध्यान करते थे। मंदिर के बाहर 5-6 शिवालय हैं जिनमें एक-एक शिवलिंग है। देवी के बायीं और दायीं ओर कुछ अन्य मूर्तियाँ हैं। कई प्राचीन मंदिरों की तरह इसके अंदर भी अंधेरा है।
1996 में, ढाकेश्वरी मंदिर का नाम बदलकर ढाकेश्वरी जातीय मंदिर (राष्ट्रीय मंदिर) कर दिया गया, जो बांग्लादेश में हिंदू संस्कृति और पूजा के केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को दर्शाता है।
ढाकेश्वरी देवी मंदिर दर्शन का समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 8 बजे से शाम 7:30 बजे तक है।
ढाकेश्वरी देवी मंदिर के प्रमुख त्यौहार
ढाकेश्वरी मंदिर हिंदू सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है। हर साल, ढाका में दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा उत्सव राष्ट्रीय मंदिर में आयोजित किया जाता है। जन्माष्टमी उत्सव भी आयोजित किया जाता है।
ढाकेश्वरी देवी मंदिर तक कैसे पहुंचें?
ढाकेश्वरी देवी मंदिर, राष्ट्रीय मंदिर बांग्लादेश के ढाका में स्थित है। कोई भी व्यक्ति ट्रेन से मंदिर के दर्शन कर सकता है; मैत्री एक्सप्रेस सप्ताह में पांच दिन चलती है। कोलकाता से ढाका पहुंचने के लिए ट्रेन लगभग 400 किलोमीटर (250 मील) की यात्रा करती है। ढाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर की दूरी 18 किमी है, इसलिए कोई भी आसानी से इस स्थान तक पहुंच सकता है।
ढाकेश्वरी देवी मंदिर का अनुभव
❀ दुर्गा पूजा और पोहेला बोइशाख (बंगाली नव वर्ष का पहला दिन) के दौरान भक्त यहां बड़ी संख्या में आते हैं।
❀ वातावरण बहुत शांतिपूर्ण है। यहां हिंदू संस्कृति की सभी प्रकार की पूजाएं होती हैं। मोमबत्तियाँ, लाइटर और बहुत सी चीज़ों के साथ मिठाई की दुकानें भी यहाँ हैं। यहां प्रसाद के लिए बिकने वाले पेड़े का स्वाद अच्छा होता है!
❀ परिवहन व्यवस्था बहुत अच्छी है, रिक्शा मंदिर के सामने ही उतार ता है।
प्रचलित नाम: ढाकेश्वरी जातीय मंदिर