जोर बाग़ मेट्रो स्टेशन दिल्ली
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In Delhi Metro’s yellow line Jorbagh Metro station is located.
By departing from Jorbagh Metro station devotees can visit the nearest famous temples like Shri Sanatan Dharm Mandir, Prachin Hanuman Mandir, Aliganj, Prachin Shri Batuk Bhairav mandir.
Jor Bagh serves the famous Aurobindo Marg, Lodhi Road, Mughal mausoleum, Safdarjung Airport and Safdarjung Tomb.
जोर बाग़ के निकट मंदिर - Mandir Near Jor Bagh Metro Station
श्री सनातन धर्म मंदिर @Lodhi Road New Delhi
बी.के. दत्ता कॉलोनी के श्री सनातन धर्म मंदिर मे, उत्तर भारत मे पूजे जाने वाले सभी देवी-देवतों को प्रतिष्ति किया गया है...
भगवान श्री वाल्मीकि आश्रम @Delhi New Delhi
भगवान श्री वाल्मीकि आश्रम (Bhagwan Shri Valmiki Ashram) नेहरू पार्क के बड़े परिसर में अखिल भारतीय वाल्मीकि साधु अखाड़ा परिषद की आध्यात्मिक सभा है। वाल्मीकि आश्रम प्रसिद्ध श्री बटुक भैरव मंदिर के पास स्थित है।
बटुक भैरव मंदिर @Chanakyapuri New Delhi
प्राचीन श्री बटुक भैरव मंदिर पांडवों द्वारा बनाए गये मंदिरों मे सर्व प्रथम है। जिनके बिग्रह मे भैरव बाबा का चेहरा और दो बड़ी-बड़ी आँखों के साथ बाबा का त्रिशूल दिखाई पड़ता है।
प्राचीन हनुमान मंदिर, अलीगंज @Lodhi Road New Delhi
दिल्ली के अलीगंज में स्थित सिद्ध श्री प्राचीन हनुमान मंदिर भक्तों के बीच मनोकामनयों की सिद्धि के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध है। मंदिर की प्राचीनता का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है..
प्राचीन श्री हनुमान मंदिर @Chanakyapuri New Delhi
अगस्त 1960 से श्री राम भक्त हनुमान, नेहरू पार्क के विशाल क्षेत्र में स्थित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के प्रमुख आराध्य के रूप में भक्तों का भय दूर करते हुए मनवांछित वर प्रदान कर रहे हैं।
सेवाएं और मार्ग जानकारियां
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जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता..
जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगाऊँ..
मात अंग चोला साजे, हर रंग चोला साजे, मात की महिमा देखो, ज्योत दिन रैना जागे...
शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के, जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के, दुख सबके हरती जय हो, भंडार है भरती जय हो, तकदीर बदलती जरा देर ना लगती, जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के, शेरावाली मां खजाने बैठी खोल के ॥
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में... मेरी सांसो में अम्बे के नाम की धारा बहती. इसीलिए तो मेरी जिह्वा हर समय ये कहती...
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥