भगवान वाल्मीकि मंदिर, वाल्मीकि समाज द्वारा निर्मित महर्षि वाल्मीकि को समर्पित मंदिर है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर यहीं से स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान किया था। महात्मा गांधी ने 1 अप्रैल 1946 से 1947 के प्रारंभ तक अपने दिल्ली प्रवास के दौरान यहाँ 214 दिन बिताए थे।
History
It was here that Bapu met Lord Mountbatten, the Cripps Commission, Sir Patrick Lawrence and took the freedom movement further. It was also during his stay here that Gandhi wrote a letter to Lord Irwin, which became the basis of the Gandhi-Irwin pact to be formalized later. The room at Valmiki Colony still has pictures of Gandhi with Lord and Lady Mountbatten, Acharya Kriplani, Frontier Gandhi, C. Rajgoplachari, Sardar Patel, Maulana Azad and Pt Nehru. There is a wooden desk in the center that Gandhi used to write his letters at. A little to the right in the carpeted room is the Takht or the bed that Gandhi would use.
This is not the first time that Valmiki Sadan will host a PM. Jawaharlal Nehru and Atal Bihari Vajpayee had visited this place earlier. However, Narendra Modi will be the first PM to visit us on 2nd October Sant Krishna Sah Vidhyarthi of the Valmiki Sadan said.
महर्षि वाल्मीकि
महर्षि वाल्मीकि का जन्म नागा प्रजाति में हुआ था। महर्षि बनने के पहले वाल्मीकि रत्नाकर के नाम से जाने जाते थे। वे परिवार के पालन-पोषण हेतु दस्युकर्म करते थे। एक बार उन्हें निर्जन वन में नारद मुनि मिले। जब रत्नाकर ने उन्हें लूटना चाहा, तो उन्होंने रत्नाकर से पूछा कि यह कार्य किसलिए करते हो, रत्नाकर ने जवाब दिया परिवार को पालने के लिये। नारद ने प्रश्न किया कि क्या इस कार्य के फलस्वरुप जो पाप तुम्हें होगा उसका दण्ड भुगतने में तुम्हारे परिवार वाले तुम्हारा साथ देंगे। रत्नाकर ने जवाब दिया पता नहीं, नारदमुनि ने कहा कि जाओ उनसे पूछ आओ। तब रत्नाकर ने नारद ऋषि को पेड़ से बाँध दिया तथा घर जाकर पत्नी तथा अन्य परिवार वालों से पूछा कि क्या दस्युकर्म के फलस्वरुप होने वाले पाप के दण्ड में तुम मेरा साथ दोगे तो सबने मना कर दिया। तब रत्नाकर नारदमुनि के पास लौटे तथा उन्हें यह बात बतायी। इस पर नारदमुनि ने कहा कि हे रत्नाकर यदि तुम्हारे घरवाले इसके पाप में तुम्हारे भागीदार नहीं बनना चाहते तो फिर क्यों उनके लिये यह पाप करते हो। यह सुनकर रत्नाकर को दस्युकर्म से उन्हें विरक्ति हो गई तथा उन्होंने नारदमुनि से उद्धार का उपाय पूछा। नारदमुनि ने उन्हें राम-राम जपने का निर्देश दिया।
रत्नाकर वन में एकान्त स्थान पर बैठकर राम-राम जपने लगे लेकिन अज्ञानतावश राम-राम की जगह मरा-मरा जपने लगे। कई वर्षों तक कठोर तप के बाद उनके पूरे शरीर पर चींटियों ने बाँबी बना ली जिस कारण उनका नाम वाल्मीकि पड़ा। कठोर तप से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने इन्हें ज्ञान प्रदान किया तथा रामायण की रचना करने की आज्ञा दी। ब्रह्मा जी की कृपा से इन्हें समय से पूर्व ही रामायण की सभी घटनाओं का ज्ञान हो गया तथा उन्होंने रामायण की रचना की। कालान्तर में वे महान ऋषि बने।
Bhagwan Valmiki Mandir dedicated to Maharishi Valmiki. Prime Minister Narendra Modi gave a clarion call for a Swach Bharat (Clean India) जानकारियां - Information
दर्शन समय
4:00 AM - 12:00 AM, 4:00 PM - 9:00 PM
5:30 AM: शारदीय: सुवह आरती
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Power Backup, Shoe Store, Washrooms, Parking, CCTV Security, Sitting Benches
धर्मार्थ सेवाएं
गौशाला, स्कूल, चिल्ड्रन पार्क
देख-रेख संस्था
वाल्मीकि समाज
फोटोग्राफी
🚫 नहीं (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
कैसे पहुचें - How To Reach
पता 📧
Mandir Marg, DIZ Area, Gole Market Mandir Marg New Delhi
हवा मार्ग ✈
Indira Gandhi International Airport, New Delhi