बासुकीनाथ मंदिर, बासुकीनाथ धाम देवघर और उसके आसपास दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यह देवघर से दुमका के रास्ते में स्थित है। बासुकीनाथ मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। बासुकीनाथ देवघर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। जो भक्त
बाबा वैद्यनाथ के दर्शन करते हैं, वे बासुकीनाथ मंदिर भी अवश्य आते हैं। लोग इसे
पाताल शिवलिंग भी कहते हैं।
बासुकीनाथ-मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
बासुकीनाथ मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के मंदिर एक दूसरे के आमने-सामने हैं। बासुकीनाथ मंदिर में शाम के समय जब दोनों मंदिरों के द्वार खोले जाते हैं तब भक्तों को द्वार के सामने से दूर चले जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस समय भगवान शिव एवं माता पार्वती एक दूसरे से मिलते हैं। मंदिर परिसर में गौरी-शंकर के मंदिर के अलावा भी विभिन्न देवी-देवताओं के पवित्र छोटे मंदिर हैं। यह मंदिर लगभग 150 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का निर्माण 1596 में एक आदिवासी
बासकी तात्मे ने करवाया था।
मंदिर सफेद संगमरमर से बना है और झारखंड क्षेत्र के पारंपरिक मंदिरों की शैली में बनाया गया है, जिनमें कमल के आकार का गुंबद है। मंदिर के निकट एक
वाण गंगा तालाब स्थित है। भगवान शिव के दिव्य दर्शन से पहले, तीर्थयात्री इस पवित्र तालाब में स्नान करते हैं।
बासुकीनाथ-मंदिर दर्शन का समय
बासुकीनाथ मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है। भक्त सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक भगवान् शिव के दर्शन कर सकते हैं।
बासुकीनाथ-मंदिर के प्रमुख त्यौहार
बासुकीनाथ मंदिर में दोनों ही शिवरात्रि बड़ी ही धूम-धाम से मनाई जाती हैं। श्रावणी मेला, जिसे कांवरिया मेला के नाम से भी जाना जाता है, श्रावण माह के लगभग सवा महीने तक चलता है। इस दौरान बाबा बासुकीनाथ धाम का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी मेले के दौरान भारत के कई राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवन भोलेनाथ के दर्शन करने एवं जल चढ़ाने आते हैं।
राम-जानकी विवाह समारोह के अंतर्गत मंदिर में विशेष पूजा अत्यंत भव्य तरीके से की जाती है।
बासुकीनाथ मंदिर कैसे पहुंचे?
बासुकीनाथ मंदिर, वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग से लगभग 42 किलोमीटर दूर है। यह जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर की दूरी पर दुमका-देवघर राज्य राजमार्ग पर स्थित है। यह जरमुंडी ब्लॉक में स्थित है और दुमका-देवघर रेलवे मार्ग से जुड़ा है। यह दुमका से 25 किमी और जसीडीह रेलवे स्टेशन से 50 किमी दूरी पर स्थित है।
प्रचलित नाम: बासुकीनाथ मंदिर, पाताल शिवलिंग
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल