श्री गणेश मंदिर, जयपुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना गया है। श्री गणेश भगवान की मूर्ति पहाड़ों में ही पाई गई थी। सन् 1950 के लगभग श्री आत्माराम बंगाली बाबा महाराज ने मंदिर में पूजा-अर्चना प्रारंभ की तथा मंदिर का जीर्णोधार कराया।
वर्तमान मन्दिर का संचालन
बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मन्दिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। गणेश जी को श्री हनुमान लाल का सिंदूरी रंग बहुत प्रिय है, अतः श्री गणेश का यह विग्रह सिंदूरी लाल से प्रेरित है। मंदिर परिसर में फुबारे के साथ शिवजी की विशाल प्रतिमा लगी हुई है।
फागुन के महीने में
जलेश्वर महादेव का बहुत ही सुंदर व आकर्षक शृंगार किया जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन यहाँ विशाल मेले का आयोजित किया जाता है, और भगवान श्री गणेश की दिव्य-भव्य झाँकियां सजाई जाती है।
पौषबड़ा तथा अन्नकूट त्योहार यहाँ के बड़े आयोजन हैं। जिसमें हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त प्रसादी ग्रहण करते हैं।
शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के समय मंदिर में रामायण का पाठ आयोजित किया जाता है, तथा नवमी के समापन पर विशाल
भंडारा आयोजित किया जाता है। मंदिर की सुंदरता को वहाँ लगे पेड़-पौधे, प्राचीन बावड़ी व गायों का विचरण और भी अधिक बढ़ाती हैं।
प्रचलित नाम: बंगाली बाबा मंदिर, बंगाली बाबा श्री गणेश मंदिर
बुनियादी सेवाएं
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