बैजनाथ मंदिर - Baijnath Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ बैजनाथ मंदिर के भगवान शिव को उपचार के देवता के रूप में पूजा जाता है।
◉ बैजनाथ मंदिर का पानी औषधीय महत्व का माना जाता है और इसमें कई बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है।
◉ हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान निर्माण किया था।
बैजनाथ मंदिर कांगड़ा जिले, हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। बैजनाथ या वैद्यनाथ महान भगवान शिव के अवतार हैं, और इस अवतार में, महान भगवान अपने भक्तों को सभी दुखों और पीड़ाओं से छुटकारा दिलाते हैं। यह मंदिर सभी भगवान शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है और अत्यंत पवित्र माना जाता है। बैजनाथ मंदिर के भगवान शिव को 'उपचार के देवता' के रूप में पूजा जाता है। वास्तव में, इस मंदिर का पानी औषधीय महत्व का माना जाता है और इसमें कई बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है। यह हर साल दुनिया भर से हजारों भक्तों को आकर्षित करता है।

बैजनाथ मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
पौराणिक कथाओं और उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण कार्य ‘आहुका’ और ‘ममुक’ नाम के दो व्यापारी भाइयों ने 1204 ई. में किया था। यह भारत के उन बहुत कम मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव और राक्षस राजा रावण दोनों की पूजा की जाती है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर का निर्माण किया था। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपने निर्वासन काल के दौरान भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए इस मंदिर का निर्माण किया था। कहा जाता है कि यह मंदिर एक पुराने मंदिर के खंडहरों पर बनाया गया था, जिसका निर्माण कुमाऊं के कत्यूरी राजाओं ने किया था।

हिंदू परंपरा के प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा को चुनौती देने के लिए देश भर में 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की, जो शुद्ध प्रकाश और निर्बाध शक्ति उत्पन्न करने वाले स्तंभ थे; और इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर के अंदर स्थित है। मंदिर की दीवारों पर अनेक मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं। उनमें से कुछ वर्तमान मंदिर के निर्माण से भी पहले के हैं। मूर्तियों में शामिल हैं: गणेश, हरिहर (आधे विष्णु और आधे शिव), कल्याणसुंदर (शिव और पार्वती की शादी) और शिव द्वारा असुर अंधका की हार।

प्राचीन लेकिन भव्य मंदिर धौलाधार हिमालय श्रृंखला की पृष्ठभूमि में स्थापित है। कल्पना कीजिए, एक प्राचीन देहाती मंदिर पिशाच सफेद पहाड़ों के सामने शानदार ढंग से खड़ा है! आसमान को छूते हुए धुंधली धुंध से ढकी हिमालय श्रृंखला की चोटियों का दृश्य, आश्चर्य और संतुष्टि दोनों की अनुभूति कराता है।


बैजनाथ मंदिर दर्शन का समय
बैजनाथ मंदिर पूरे सप्ताह खुलता है और दर्शन का समय सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक है।

बैजनाथ मंदिर में प्रमुख त्यौहार
बैजनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि सक्रिय रूप से मनाई जाती है और देश भर से लोग पूरे उत्साह और उमंग के साथ इस त्योहार को मनाने आते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व यहां भारी उत्साह, श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान यहां धर्म और संस्कृति पर आधारित मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर में सामान्य से अधिक भीड़ है, और कतारें अविश्वसनीय रूप से लंबी हैं। बैजनाथ में दशहरा नहीं मनाया जाता क्योंकि रावण शिव का प्रिय भक्त था।

बैजनाथ मंदिर कैसे पहुँचें?
बैजनाथ मंदिर मंदिर के लिए अन्य प्रमुख शहरों से बैजनाथ तक कोई सीधी ट्रेन नहीं चलती है। निकटतम रेलवे स्टेशन अंब अंदौरा है जो लगभग 65 किमी दूर है। यह मंदिर पठानकोट-मंडी से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हालाँकि, सभी प्रमुख शहरों में बैजनाथ के लिए बसें चलती हैं, और निकटतम बस स्टॉप बैजनाथ बस स्टॉप है, जो मंदिर से केवल 4 मिनट की पैदल दूरी पर है।
प्रचलित नाम: बैजनाथ मंदिर, वैद्यनाथ
Baijnath Mandir - Read In English
Baijnath Mandir is located in Kangra district, Himachal Pradesh, India. Bhagwan Shiva of Baijnath Temple is worshiped as the 'God of Healing'.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
6 AM - 8 PM
मंत्र
ओम नम शिवाय
त्योहार
Maha Shivratri | यह भी जानें: एकादशी
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, जूता स्टोर
समर्पित
भगवान शिव
वास्तुकला
नागर शैली
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
2JXV+HHJ &, VPO Teh Himachal Pradesh
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
29.9059154°N, 79.6098626°E

क्रमवद्ध - Timeline

6 AM - 8 PM

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Updated: Dec 28, 2023 16:52 PM