अशोक वाटिका - Ashok Vatika

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ अशोक वाटिका जो श्रीलंका में स्थित है यहीं हनुमान जी की मुलाकात सीता माता से हुई थी। पत्थर पर हनुमंत के पदचिह्न हैं।
◉ स्थानीय तमिल हिंदू अशोक वाटिका को अशोक वनम कहते हैं।
◉ अशोक वाटिका की खासियत इसकी काली मिट्टी है जो राख जैसी दिखती है।
अशोक वाटिका जो की पौराणिक कथा के अनुसार लंका में एक उपवन है जो राक्षस राजा रावण के राज्य में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इसका वर्तमान स्थान हकगाला बॉटनिकल गार्डन है, जो सीता एलिया के नाम से जाना जाता है। यहां हनुमान जी को अपने विराट रूप में सीता माता से मुलाकात हुई थी। सीता नदी के तट पर राम, लक्ष्मण, सीता मंदिर के पीछे पत्थर पर हनुमंत के पैर का निशान है। कहा जाता है कि सीतामाता की खोज में हनुमंत उस अशोक वृक्ष पर कूद पड़े जिसके नीचे सीतामाता बैठी थीं। उनके पैरों के निशान आज भी भक्तों को देखने को मिलते हैं। अशोक के पेड़ केवल श्रीलंका के इसी भाग में पाए जाते हैं, अन्यत्र कहीं नहीं। यहां सीता नाम की एक नदी है जिसके किनारे राम, लक्ष्मण और सीता की 3000 साल पुरानी मूर्तियां हैं।

अशोक वाटिका इतिहास और वास्तुकला
अशोक वाटिका वन में यह हिंदू मंदिर है जो उस स्थान पर बना है जहां सीता मां को रावण ने बंदी बनाकर रखा था। रामबोडा में रामायण के अंजनेयार (हनुमान) मंदिर है। यहां हनुमान के पवित्र पैरों के निशान हैं, जिन्होंने सीता मां से मुलाकात की थी। पानी की सुंदर धारा, पहाड़ियाँ और पेड़ मंदिर की सुंदरता को बढ़ाते हैं, जिसमें राम, लक्ष्मण और सीता की सुनहरी मूर्तियाँ हैं।

अशोक वाटिका वन काफी दुर्गम है। वैसे तो कई पेड़ हैं लेकिन सबसे खास है 'अशोक' का पेड़। स्थानीय तमिल हिंदू अशोक वाटिका को 'अशोक वनम' कहते हैं। 'वाल्मीकि रामायण' में रामायण युद्ध के बाद हनुमंत द्वारा अशोक वाटिका में आग लगाने का प्रसंग मिलता है। अशोक वाटिका की खासियत इसकी काली मिट्टी है जो राख जैसी दिखती है। सीता नदी के दूसरी ओर अर्थात अशोक वाटिका के विपरीत दिशा की भूमि लाल है तथा श्रीलंका के अन्य सभी भागों की मिट्टी लाल है।

इसका उल्लेख विष्णु पुराण और वाल्मीकि के हिंदू महाकाव्य रामायण और तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरितमानस सहित सभी बाद के संस्करणों में किया गया है, जहां इसका उल्लेख सुंदर कांड में मिलता है। वाटिका के चारों ओर उद्यान घर हैं, जिनका निर्माण स्वयं विश्वकर्मा ने किया था।

अशोक वाटिका मंदिर के दर्शन का समय
अशोक वाटिका पूरे सप्ताह खुली रहती है। दर्शन का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक है और शाम का समय दोपहर 2 बजे से शाम 6.30 बजे तक है।

अशोक वाटिका मंदिर के प्रमुख त्यौहार
सीतानवमी, राम नवमी, हनुमान जयंती अशोक वाटिका मंदिर के प्रमुख त्योहार हैं। मंदिर में प्रवेश के लिए महिलाओं को बाल बांधने होते हैं। स्थानीय तमिल हिंदू हर शनिवार और मंगलवार को दर्शन के लिए आते हैं।

अशोक वाटिका कैसे पहुँचें?
यह श्रीलंका के खूबसूरत शहर नुवारा एलिया के पास स्थित है। इस खूबसूरत मंदिर को देखना वास्तव में एक दिव्य अनुभव है। यह श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 165 किमी दूरी पर स्थित है।
प्रचलित नाम: अशोक वाटिका,
Ashok Vatika - Read In English
Ashok Vatika, which according Ramayan is is located in the kingdom of Ravan in Srilanka. Its current location is believed to be the Hakgala Botanical Garden, known as Sita Eliya.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
8 AM - 6:30 PM
मंत्र
ॐ हं हनुमते नम:
त्योहार
धाम
Shri GaneshShri Ram PariwarShri Hanuman Ji Maharaj
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल
समर्पित
भगवान हनुमान
फोटोग्राफी
हाँ जी (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
WRM6+74J Ashok vatika Seetha Eliya Central Sri Lanka
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
7.5592887°N, 79.6758128°E

क्रमवद्ध - Timeline

8 AM - 6:30 PM

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Shri Ganesh

Shri Ram Pariwar

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Updated: Jun 09, 2024 06:20 AM