अग्रोहा धाम हिसार हरियाणा में स्थित है, जिसका निर्माण 1976 से प्रारंभ किया गया और 1984 में पूरा हुआ। अग्रोहा धाम मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है | धाम को तीन भागों में बांटा गया है बीच वाला भाग मां लक्ष्मी व पूर्वी हिस्सा महाराजा अग्रसेन व पश्चिमी हिस्सा मां सरस्वती को समर्पित है।
मंदिर के पिछले हिस्से में बारह ज्योर्तिलिंग से बना रामेश्वर धाम बना है। मंदिर के बीच में सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसको 41 पवित्र नदियों के जल के साथ पावन किया गया है।
अग्रवंशों का पावन धाम है अग्रोहा
अग्रवाल समाज अग्रोहा धाम को अपना पावन धाम मानता है। धाम में काफी दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें मंदिर परिसर में कृष्ण लीला की झांकी, गजमुक्तेश्वर झांकी, जमीन के 15 फुट नीचे मां वैष्णो देवी गुफा,
तिरुपति बालाजी,
भैरवनाथ,
बाबा अमरनाथ के साथ-साथ
हनुमान जी की 90 फुट ऊंची प्रतिमा शामिल है। हर साल शरद पूर्णिमा के अवसर पर अग्रोहा धाम में मेला लगता है, जिसमें देश भर से लाखों पर्यटक धाम को देखने आते हैं।
मंदिर खुलने का समय
मंदिरों में आरती का समय सुबह पांच बजे प्रारंभ हो जाता है, जो दो घंटों तक चलता है। आरती होने के बाद मंदिर परिसर को पर्यटकों के लिए सुबह सात बजे खोल दिया जाता है जो रात के आठ बजे तक दर्शन कर सकते हैं।
त्यौहार
अग्रोहा महाकुंभ उत्सव हर साल शरद पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है।
प्रचलित नाम: अग्रोहा धाम मंदिर
बुनियादी सेवाएं
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